फोरेक्स ट्रेडिंग एक विशेष प्रकार की विदेशी मुद्रा व्यापार है। जिसमें एक देश की मुद्रा दूसरे देश की मुद्रा से बदली जाती है। उस दौरान मुद्रा के मूल्य में उतर चढ़ाव आता है। और उसी से लाभ या हनी होती है। इस व्यापार के दौरान, कुछ शब्द जो आमतौर पर व्यापक उपयोग होते हैं, जो की एक फोरेक्स ट्रेडर को जानना बहुत जरुरी है। यदि आप उन शब्दों से परिचित हो जाते है तो आपके लिए फोरेक्स ट्रेडिंग करना बहुत आसान हो जाती है। चलिए आपका परिचय उन बेहतरीन शब्दों से करवाते है जो आपको आगे बहुत काम आने वाले है..........
पिप (Pip)
लॉट (Lot)
मार्जिन (Margin)
स्वैप (Swap)
एक्सपर्ट एडवाइज़र (Expert Advisor)
फंडामेंटल एनालिसिस (Fundamental Analysis)
ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी (Trading Strategy)
रिस्क मैनेजमेंट (Risk Management)
लॉट साइज (Lot Size)
स्लिपेज (Slippage)
स्प्रेड (Spread)
लॉग (Long)
शॉर्ट (Short)
स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading)
डे ट्रेडिंग (Day Trading)
स्कैलिंग (Scaling)
स्टॉप लॉस (Stop Loss)
लीवरेज (Leverage)
बुलिश (Bullish)
बियरिश (Bearish)
आईएसओ (ISO)
स्वॉप (Swap)
एमटी4 (MT4)
स्वैप (Swap)
निष्पादित मूल्य (Spot Price)
ऑर्डर (Order)
वॉल्यूम (Volume)
वॉलेट (Wallet)
वेबिनार (Webinar)
शोर्ट सेलिंग (Short Selling)
सेटलमेंट (Settlement)
स्क्वीज (Squeeze)
मार्जिन (Margin)
स्केलिंग (Scaling)
ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म (Trading Platform)
मार्केट ऑर्डर (Market Order)
लिमिट ऑर्डर (Limit Order)
स्विंग हाई (Swing High)
स्विंग लो (Swing Low)
टार्गेट (Target)
ट्रेड ऑर्डर (Trade Order)
फंडामेंटल एनालिसिस (Fundamental Analysis)
तकनीकी एनालिसिस (Technical Analysis)
लॉन्ग पोजीशन (Long Position)
शॉर्ट पोजीशन (Short Position)
ड्रॉडाउन (Drawdown)
पिप (Pip) - पिप फोरेक्स ट्रेडिंग में मुद्रा के बदलते मूल्य की एकता को दर्शाता है। एक पिप एक निम्नतम अंतर है जो दो मुद्राओं के मूल्य में अंतर को दर्शाता है। पिप मुद्रा व्यापार में एक इकाई होती है जो बदलती मुद्रा दर में एक छोटी सी बदलाव को दर्शाती है। यह मुद्रा व्यापारियों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली मुद्रा की सटीकता को मापने में मदद करती है। पिप शब्द फोरेक्स ट्रेडिंग में उपयोग किया जाता है और यह मुद्रा के मूल्य में एक छोटा बदलाव को दर्शाता है। एक पिप आमतौर पर एक नंबर का चौथाईं दशमलव होता है। यदि आप यूरो / यूएसडी के लिए ट्रेडिंग कर रहे हैं तो एक पिप एक धनराशि के लिए 0.0001 यूरो होगा।
पिप ट्रेडिंग के दौरान मूल्यों के बदलाव की एक इकाई होती है। यह आमतौर पर चौथे दशमलव के समान होता है। उदाहरण के लिए, यदि एक मुद्रा का मूल्य 1.2430 से 1.2435 हो जाता है, तो मूल्य का बदलाव अब इस तरह होगा: 5 पिप।
लॉट (Lot) - यह उस मुद्रा इन्स्ट्रुमेंट का आकार है, जो आप खरीदना या बेचना चाहते हैं। एक सामान्य लॉट का आकार 100,000 यूरो होता है।
एक लॉट उस मुद्रा की एक निश्चित मात्रा होती है जो ट्रेडर खरीदना या बेचना चाहता है। एक लॉट की मात्रा विभिन्न मुद्राओं के लिए भिन्न होती है। उदाहरण के लिए, यदि आप यूरो / यूएसडी में ट्रेडिंग करते हैं तो एक लॉट 100,000 यूरो होगा।
मार्जिन (Margin) - यह वह धनराशि है जिसे आपके खाते में जमा करना होगा ताकि आप लीवरेज का उपयोग कर सकें। जब आप अपने खाते में मार्जिन जमा करते हैं, तो आप वास्तविक मुद्रा खरीदने या बेचने के लिए लीवरेज का उपयोग कर सकते हैं।
मार्जिन ट्रेडर के द्वारा जमा की गई राशि होती है जो वह अपने खाते में रखता है। इस राशि का उपयोग ट्रेडर द्वारा मुद्रा व्यापार में ट्रेड करने के लिए किया जाता है। मार्जिन राशि ब्रोकर द्वारा निर्धारित की जाती है और इसमें ट्रेडर के द्वारा लिए गए पोजीशन की वैधता और ट्रेडर के खाते में बची हुई राशि के लिए भी उपयोग किया जाता है।
मार्जिन एक तकनीक होती है जिससे ट्रेडर किसी संपत्ति के खरीद पर कुछ हिस्सा खुद देने के बजाय उसे क्रेडिट से खरीद सकता है। इसका मुख्य उद्देश्य होता है कि ट्रेडर उस संपत्ति के खरीद के लिए पूरी राशि नहीं जमा करना पड़े। मार्जिन एक वित्तीय संबंध है जो एक ट्रेडर को उनकी व्यापक खरीदारी के लिए उपलब्ध नकदी की मात्रा है। ट्रेडर को मार्जिन नकदी भुगतान करनी होती है जब वे एक खरीदारी या बिक्री करते हैं।
स्वैप (Swap) - स्वैप एक नया शब्द है जो इस्तेमाल होता है जब ट्रेडर किसी निश्चित समय अंतराल में अपनी ट्रेड को जारी रखता है। स्वैप द्वारा, ट्रेडरों को अपनी खरीद या बिक्री की कीमत पर अतिरिक्त दायित्व देना होता है।
एक्सपर्ट एडवाइज़र (Expert Advisor) - यह एक स्वचालित ट्रेडिंग सिस्टम होता है जो फोरेक्स ट्रेडर को सहायता प्रदान करता है। यह एक कंप्यूटर प्रोग्राम होता है जो मुद्रा विनिमय बाजार की स्थिति के आधार पर स्वचालित व्यवस्था करता है।
फंडामेंटल एनालिसिस (Fundamental Analysis) - फंडामेंटल एनालिसिस उन संचारों का अध्ययन होता है जो मुद्रा की मूल्य निर्धारण में मदद करते हैं। इसमें विभिन्न आर्थिक, राजनीतिक और विदेश्यकारी कारकों का अध्ययन किया जाता है जो मुद्रा बाजार के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। यह एक विस्तृत विश्लेषण होता है जो फोरेक्स ट्रेडर को मुद्रा की भविष्यवाणी करने में मदद करता है।
ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी (Trading Strategy) - एक ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी एक विशिष्ट व्यापार या निवेश के लिए एक योजना होती है। यह एक व्यक्ति या संस्था द्वारा बनाई जाती है जो मुद्रा व्यापार के लिए निर्धारित नीतियों, निर्देशों और लक्ष्यों को दर्शाती है।
रिस्क मैनेजमेंट (Risk Management) - रिस्क मैनेजमेंट एक व्यापक शब्द है जो किसी भी व्यवसाय या निवेश के संबंध में रिस्क के नियंत्रण और व्यवस्थापन को दर्शाता है। फोरेक्स ट्रेडिंग में, यह शब्द ट्रेडर के द्वारा अपने निवेश को सुरक्षित रखने और अपनी कारोबारी रिस्क कम करने के लिए उपयोग किया जाता है।
लॉट साइज (Lot Size) - लॉट साइज उस मुद्रा इंस्ट्रुमेंट की मात्रा होती है जिसमें एक ट्रेडर निवेश करता है। लॉट साइज उस मुद्रा इंस्ट्रुमेंट की यूनिट होती है जिसमें एक ट्रेडर निवेश करता है। एक लॉट की मात्रा विभिन्न मुद्राओं के लिए अलग-अलग होती है। लॉट साइज का चयन ट्रेडर के निवेश और रिस्क मैनेजमेंट के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है।
स्लिपेज (Slippage) - स्लिपेज एक ऐसी स्थिति होती है जब ट्रेडर की खरीदारी या बेचने की मूल्य सीमा के बाद ट्रेड का विवरण बनाने के दौरान भिन्न होता है। यह मुद्रा व्यापार में अक्सर होता है जब बाजार में भारी तरलता होती है और लोग विवरण के अनुसार अपने व्यवसाय को पूरा नहीं कर पाते हैं। स्लिपेज एक मानक होता है जो ट्रेडिंग के दौरान होता है। यह एक प्रकार की कीमत में भ्रम होता है जो ट्रेडर की ऑर्डर एक्सीक्यूशन के दौरान अनुमान से अधिक होता है।
स्लिपेज एक प्रकार की ट्रेडिंग की समस्या है जो उत्पन्न होती है जब आप एक ऑर्डर प्लेस करते हैं, लेकिन उसका निवेश कुछ हद तक असफल होता है या नहीं होता है। स्लिपेज एक स्थिति होती है जब एक ऑर्डर एक मूल्य पर नहीं बना सकता है, जैसे कि जब बाजार का मूवमेंट अत्यधिक हो या वॉल्यूम कम हो। इस स्थिति में ट्रेडर को मूल्य विभिन्नता का सामना करना पड़ता है।
स्लिपेज एक मूल्य अंतर होता है जो आपके ऑर्डर की अंतिम मूल्य से भिन्न होता है। इसमें मूल्य के बारे में अस्पष्टता, मार्केट के वॉल्यूम की कमी और शुद्धता, और विपरीत दिशा की मुख्यता होती है।
स्प्रेड (Spread) - स्प्रेड मुद्रा व्यापार में बोलता है कि एक मुद्रा की खरीद और बेचने की मूल्य के बीच का अंतर होता है। यह शुल्क ब्रोकर द्वारा लिया जाता है और इसे नेगेटिव स्प्रेड और पॉजिटिव स्प्रेड में विभाजित किया जाता है। नेगेटिव स्प्रेड में, खरीदने की मूल्य बेचने की मूल्य से कम होता है, जबकि पॉजिटिव स्प्रेड में, खरीदने की मूल्य बेचने की मूल्य से अधिक होता है। ब्रोकर द्वारा लिया जाने वाला स्प्रेड ट्रेडर के लाभ को कम कर सकता है, इसलिए ट्रेडरों को स्प्रेड के बारे में समझना चाहिए।
लॉग (Long) - लॉग मुद्रा व्यापार में एक ऐसी स्थिति होती है जब ट्रेडर एक मुद्रा या संपत्ति को खरीदता है और उसे बेचने के बजाय उसमें निवेश करता है। इस प्रकार के व्यापार में, ट्रेडर मुद्रा या संपत्ति के मूल्य के बढ़ने पर लाभ कमाने की उम्मीद करता है।
शॉर्ट (Short) - शॉर्ट मुद्रा व्यापार में एक ऐसी स्थिति होती है जब ट्रेडर मुद्रा या संपत्ति को बेचता है जिसे वह पहले खरीदा नहीं होता है। इस प्रकार के व्यापार में, ट्रेडर मुद्रा या संपत्ति के मूल्य कम होने पर लाभ कमाने की उम्मीद करता है।
शॉर्ट एक व्यापार या निवेश की तकनीक होती है जिसमें ट्रेडर उस संपत्ति की बिक्री करता है जिसे वह नहीं रखना चाहता है। यह तकनीक विशेष रूप से उन वित्तीय उत्पादों के लिए प्रयुक्त की जाती है जिनके मूल्य गिरते हुए होते हैं या जिनकी कीमतों के गिरावट का अनुमान लगाया जाता है।
स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) - स्विंग ट्रेडिंग में, ट्रेडर एक से कुछ दिनों तक या कुछ हफ्तों तक के लिए पोजीशन लेते हैं। यह उन ट्रेडरों के लिए उपयुक्त होता है जो बेहतर निवेश निर्णय लेने के लिए बड़ी समय अवधि नहीं रख सकते हैं।
स्विंग ट्रेडिंग ट्रेडर की खरीद और बेचने की गतिविधियों के बीच के मध्य की अवधि के लिए एक ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी है। स्विंग ट्रेडिंग में, ट्रेडर एक उच्च स्थान पर खरीदते हैं और फिर निम्न स्तर पर बेचते हैं, या उम्मीद है कि बाजार में एक तुलनात्मक स्थिरता होगी और उन्हें अधिक लाभ होगा। स्विंग ट्रेडिंग एक निवेश तकनीक है जिसमें ट्रेडर एक स्टॉक या मुद्रा को थोड़ा लंबे समय तक खरीदे रखते हैं ताकि उन्हें उसके उतार-चढ़ाव का लाभ मिल सके।
स्विंग ट्रेडिंग एक वित्तीय व्यवसाय है जो दिन से लेकर कई सप्ताह तक रहता है। इस तकनीक के अनुयायी संबंधित वित्तीय उपकरण की कीमतों में स्विंग को पकड़ते हैं जो विभिन्न समयांतरों में बदलती हैं।
डे ट्रेडिंग (Day Trading) - डे ट्रेडिंग में, ट्रेडर एक दिन में कम से कम दो व्यापार करता है। यह वित्तीय बजार के लिए उपयुक्त होता है जहां ट्रेडरों को दिन के अंत तक उनके खाते में स्थायी पोजीशन नहीं रखना होता है। डे ट्रेडिंग एक ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी है जो दिन के अंत में ट्रेडर की सभी खरीद और बेचने की गतिविधियों को पूरा करती है। इसमें ट्रेडर किसी एक से अधिक समय अवधि में ट्रेड नहीं करता है, और इसके बजाय वह एक ही दिन में कमाई और नुकसान के लक्ष्य के साथ खरीद और बेचता है।
स्कैलिंग (Scaling) - स्केलिंग ट्रेडिंग के दौरान, ट्रेडर एक ही मुद्रा या संपत्ति के कई छोटे-छोटे व्यापार करते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य होता है कि ट्रेडर लगातार छोटे लाभ कमाते हुए अपनी कुल लाभांश को बढ़ा सकें।
स्टॉप लॉस (Stop Loss) - स्टॉप लॉस एक आदेश होता है जिसे ट्रेडर अपने व्यापार के लिए लगाता है। यह आदेश ट्रेडर के लिए नुकसान को रोकने के लिए उपयोगी होता है यदि मुद्रा या संपत्ति के मूल्य उनकी विशिष्ट सीमा से नीचे जाता है।
लीवरेज (Leverage) - लीवरेज ट्रेडिंग के दौरान ट्रेडर किसी संपत्ति के खरीद पर कुछ हिस्सा खुद देने के बजाय उसे क्रेडिट से खरीदता है। लीवरेज के द्वारा ट्रेडर उस संपत्ति के खरीद के लिए कम जमा पूंजी से अधिक मूल्य की खरीद कर सकता है। इसका मुख्य उद्देश्य होता है कि ट्रेडर बिना ज्यादा पूंजी जमा किए बड़े मूल्य की संपत्तियों को खरीद सकें।
लीवरेज एक तकनीक है जो ट्रेडर को अधिक नकदी का उपयोग करने की अनुमति देती है, जिससे वे अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। लीवरेज का उपयोग भलीभाँति किया जाना चाहिए और ट्रेडर को इसे समझना चाहिए कि वे जितना अधिक नकदी उपयोग करेंगे, उतना ही उन्हें ज्यादा नुकसान होने का खतरा होगा।
यह उस समीकरण को दर्शाता है जिससे आप अपने ट्रेडिंग खाते के बाहर की धनराशि से कम पैसे लगा कर अधिक मुनाफ़ा कमा सकते हैं। इसे अक्सर एक अनुपात के रूप में व्यक्त किया जाता है, जैसे कि 1:50, जो दर्शाता है कि आप अपने निवेश की 50 गुना तक उपयोग कर सकते हैं।
बुलिश (Bullish) - बुलिश एक मंदी के बाद मूल्यों के उछाल की स्थिति को दर्शाता है। इस स्थिति में ट्रेडर एक संपत्ति को खरीदने के लिए उत्सुक होते हैं क्योंकि वे उम्मीद करते हैं कि मूल्य आगे बढ़ेगा।
बियरिश (Bearish) - बियरिश एक मंदी के बाद मूल्यों की नीचे दिशा को दर्शाता है। इस स्थिति में ट्रेडर एक संपत्ति के बिक्री के लिए उत्सुक होते हैं क्योंकि वे उम्मीद करते हैं कि मूल्य आगे गिरेगा।
आईएसओ (ISO) - आईएसओ अंतर्राष्ट्रीय मानक होते हैं, जो ट्रेडिंग के दौरान उपयोग किए जाते हैं। इन मानकों के माध्यम से, संपत्तियों और मुद्राओं की गुणवत्ता और मापन की स्थापित गुणवत्ता होती है।
स्वॉप (Swap) - स्वॉप एक वित्तीय ट्रांजैक्शन होता है जिसमें दो विभिन्न मुद्राओं के बीच बदलाव का समय दर्शाया जाता है। यह ट्रांजैक्शन जब तक दोनों मुद्राएं समान मात्रा में नहीं हो जाती हैं, जारी रहता है।स्वॉप एक ट्रेडर को उनकी खरीदारी या बिक्री पर देय ब्याज या रुके हुए ब्याज को दर्शाता है। एक स्वॉप पासिव निवेशकों के लिए एक अतिरिक्त लाभ भी प्रदान कर सकता है।
एमटी4 (MT4) - एमटी4 एक ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर है जो फोरेक्स और अन्य वित्तीय उत्पादों के लिए उपलब्ध है। यह सॉफ्टवेयर अलग-अलग ट्रेडिंग टूल्स, रिसर्च टूल्स और चार्टिंग टूल्स प्रदान करता है।
स्वैप (Swap) - स्वैप एक प्रकार का वित्तीय उत्पाद होता है जो लंबे समय तक रखे गए पोजीशन के लिए भुगतान किया जाता है। स्वैप लगभग सभी फोरेक्स ट्रेडिंग में उपलब्ध होता है और यह विभिन्न वित्तीय उत्पादों के बीच विभिन्न होता है।
निष्पादित मूल्य (Spot Price) - निष्पादित मूल्य एक विशिष्ट समय में एक संपत्ति के वास्तविक मूल्य को दर्शाता है। यह वास्तव में उस मूल्य का नाम है जो एक व्यक्ति को उस समय उस संपत्ति के लिए भुगतान करना होगा।
ऑर्डर (Order) - एक ऑर्डर ट्रेडर की ओर से एक ब्रोकर को दिया जाता है ताकि उन्हें उस मुद्रा के लिए खरीदारी या बिक्री करने के बारे में सूचित किया जाए। एक आदेश ट्रेडर द्वारा एक स्थान पर विनिवेश करने की विनती होती है। ट्रेडर एक ऑर्डर देकर किसी निश्चित मात्रा में क्रिप्टो या फिरेक्स खरीद सकते हैं।
वॉल्यूम (Volume) - वॉल्यूम एक ट्रेडिंग शब्द है जो ट्रेडरों द्वारा खरीदी या बेची गई संपूर्ण मुद्रा मात्रा को दर्शाता है। वॉल्यूम ट्रेडिंग में उपलब्ध शेयरों या क्रिप्टो के संख्या को दर्शाता है जो ट्रेड किये जा रहे होते हैं। जब वॉल्यूम बढ़ता है, तो यह देखा जाता है कि बाजार में ज्यादा लोग ट्रेड कर रहे हैं।
वॉलेट (Wallet) - वॉलेट एक ऑनलाइन पुरस्कार तंत्र है जो ट्रेडरों को अपने क्रिप्टोकरेंसी के निवेश को संभालने और व्यवस्थित करने की अनुमति देता है।
वादा पत्र (Futures Contract) - एक वादा पत्र एक समझौता है जिसमें दो पक्षों के बीच निर्धारित मात्रा और मूल्य पर एक समय सीमा तक एक समझौता किया जाता है।
वॉलेट एक सुरक्षित स्थान होता है जहां ट्रेडर क्रिप्टो करेंसी को संग्रहित कर सकते हैं। ट्रेडर अपने वॉलेट में अपनी क्रिप्टो करेंसी को संग्रहित कर सकते हैं और इसे बेचने या खरीदने के लिए उपयोग कर सकते हैं।
वेबिनार (Webinar) - वेबिनार एक ऑनलाइन सत्र होता है जो वेब कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से होता है जहाँ प्रशंसकों को ट्रेडिंग या निवेश के बारे में शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।
शोर्ट सेलिंग (Short Selling) - शोर्ट सेलिंग एक वित्तीय तकनीक है जिसमें ट्रेडर एक स्टॉक या मुद्रा को उसकी वास्तविक मूल्य से कम मूल्य पर बेचते हैं और उसके बाद उसे सस्ते मूल्य पर खरीदते हैं।
सेटलमेंट (Settlement) - सेटलमेंट एक प्रक्रिया है जिसमें वित्तीय संबंधों को संभाला जाता है। यह एक ऑप्शन और फ्यूचर्स के बारे में उपयोग में लाया जाता है जिसमें अंतिम भुगतान की तारीख को निर्धारित किया जाता है।
स्क्वीज (Squeeze) - स्क्वीज एक ट्रेडिंग शब्द है जो एक ट्रेड या मुद्रा में वॉल्यूम गिरावट के साथ एक वृदट्रेड सिग्नल (Trade Signal) - ट्रेड सिग्नल एक संकेत होता है जो ट्रेडर को ट्रेड करने के लिए एक अच्छी मौका देता है। ट्रेड सिग्नल एक तकनीकी विश्लेषण के माध्यम से उत्पन्न होता है और अनुसंधान द्वारा पता लगाया जा सकता है।
मार्जिन (Margin) - मार्जिन एक धनराशि होती है जो ट्रेडर को उसकी खरीद या बेचने की क्षमता देती है। मार्जिन एक सुरक्षा होती है जो ट्रेडर द्वारा दी गई वित्तीय जानकारी को संरक्षित रखती है।
स्केलिंग (Scaling) - स्केलिंग ट्रेडिंग एक तकनीक है जो ट्रेडर को ट्रेड के मूल्य में कमी के साथ अपने विनिवेश को बढ़ाने की अनुमति देती है। यह बार-बार विनिवेश को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल की जाती है।
ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म (Trading Platform) - ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म एक सॉफ्टवेयर होता है जो ट्रेडर को ट्रेडिंग के लिए एक डिजिटल मंच प्रदान करता है। यह ट्रेडर को अपने कंप्यूटर या मोबाइल डिवाइस से ट्रेड करने की अनुमति देता है। ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म एक ऑनलाइन सेवा होती है जो ट्रेडर को उसके ट्रेडिंग अभियां के लिए आसान तरीके से उपयोग करने की सुविधा प्रदान करती है। ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म कई फंक्शनलिटी के साथ आती है जैसे कि लाइव चार्ट्स, टेक्निकल इंडिकेटर, न्यूज़ स्ट्रीम, विभिन्न टूल और संग्रहीत विश्लेषण इत्यादि।
ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म एक सॉफ्टवेयर है जो ट्रेडर को ट्रेडिंग वित्तीय उपकरणों पर वित्तीय निवेश करने की अनुमति देता है। इस प्लेटफ़ॉर्म पर ट्रेडर अपनी वित्तीय स्थिति को निर्धारित करता है और निवेश करने के फैसले लेता है।
इस तरह के वित्तीय शब्दों का समझना फोरेक्स ट्रेडिंग में सफलता हासिल करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। यह शब्द सिर्फ एक आर्थिक शब्द से ज्यादा होते हैं, इन्हें समझना ट्रेडर के लिए अनिवार्य होता है।
मार्केट ऑर्डर (Market Order) - मार्केट ऑर्डर एक ऑर्डर होता है जो तुरंत पूरा हो जाता है और विनिवेशक को बाजार के मौजूदा मूल्य पर खरीद और बेचने की प्रबंधन अवस्था प्रदान करता है। इसका मतलब होता है कि जब आप एक मार्केट ऑर्डर देते हैं, तो आपका आदेश तुरंत पूरा हो जाता है।
लिमिट ऑर्डर (Limit Order) - लिमिट ऑर्डर एक ऑर्डर होता है जो खरीदने या बेचने के लिए निश्चित मूल्य पर स्थान पर विनिवेश करने की विनती होती है। लिमिट ऑर्डर ट्रेडर के द्वारा सेट किए गए निश्चित मूल्य के बारे में सूचित करता है जिस पर वे खरीद या बेच सकते हैं।
स्विंग हाई (Swing High) - स्विंग हाई एक मूल्य स्तर होता है जो उन उच्चतम मूल्य स्तरों को दर्शाता है जहां से बाजार अपनी दूसरी ऊंचाई तक उठने से पहले नीचे गिरता है। यह आमतौर पर स्विंग ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी के अंतिम लक्ष्य का हिस्सा होता है जिसमें ट्रेडर उच्च स्तरों पर खरीदते हैं और फिर उन्हें निम्न स्तरों पर बेचते हैं।
स्विंग लो (Swing Low) - स्विंग लो एक मूल्य स्तर होता है जो उन निम्न मूल्य स्तरों को दर्शाता है जहां से बाजार अपनी दूसरी नीचाई तक गिरता है और फिर दोबारा ऊपर जाता है। यह भी स्विंग ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी में उपयोग किया जाता है जिसमें ट्रेडर निम्न स्तरों पर खरीदते हैं और उच्च स्तरों पर बेचते हैं।
टार्गेट (Target) - टारगेट एक निर्दिष्ट मूल्य होता है जो ट्रेडर का लक्ष्य होता है। यह मूल्य स्तर उस स्तर से ऊपर होता है जहां ट्रेडर अपनी खरीद या बेचने की गतिविधियों को शुरू करता है।
ट्रेड ऑर्डर (Trade Order) - ट्रेड ऑर्डर एक आदेश होती है जो ट्रेडर द्वारा दी जाती है और जिसमें वह खरीद या बेचना चाहता है। यह आदेश मार्केट ऑर्डर, लिमिट ऑर्डर, स्टॉप ऑर्डर, एक्सटेंशन ऑर्डर, और ट्रेलिंग स्टॉप ऑर्डर जैसी अलग-अलग प्रकार की हो सकती हैं।
फंडामेंटल एनालिसिस (Fundamental Analysis) - फंडामेंटल एनालिसिस एक विधि होती है जिससे ट्रेडर संदर्भित निकट भविष्य में एक कंपनी या अर्थव्यवस्था की स्थिति का अध्ययन करते हुए उसकी स्थिति के बारे में समझ पाता है। इस विश्लेषण में ट्रेडर उस कंपनी या अर्थव्यवस्था की विभिन्न पहलुओं को जैसे कि आर्थिक विवरण, मूल्य निर्धारण, प्रबंधन विवरण, विपणन रणनीतियों इत्यादि का अध्ययन करता है।
तकनीकी एनालिसिस (Technical Analysis) - तकनीकी एनालिसिस एक विधि होती है जिससे ट्रेडर संदर्भित निकट भविष्य में एक कंपनी या अर्थव्यवस्था की स्थिति का अध्ययन करते हुए उसकी स्थिति के बारे में समझ पाता है। इस विश्लेषण में ट्रेडर उस कंपनी या अर्थव्यवस्था के विभिन्न चार्ट, टेक्निकल इंडिकेटर जैसे कि स्टोकास्टिक ओशिलेटर, बॉलिंजर बैंड, मूविंग एवरेज इत्यादि का अध्ययन करता है। इसमें ट्रेडर मूल्य के चार्ट पर उपलब्ध डाटा का उपयोग करते हुए विभिन्न तकनीकी इंडिकेटर जैसे कि सपोर्ट और रेसिस्टेंस लेवल, मूल्य ब्रेकआउट, ट्रेंडलाइन, चार्ट पैटर्न इत्यादि का अध्ययन करते हैं।
लॉन्ग पोजीशन (Long Position) - जब एक ट्रेडर किसी समूह वित्तीय उपकरण को खरीदता है तो वह उसे "लॉन्ग पोजीशन" में होता है। यह एक बाजार के उछाल को अभिव्यक्त करता है जिसमें ट्रेडर विश्वसनीयता और अधिक मूल्य में बेचने की उम्मीद रखता है।
शॉर्ट पोजीशन (Short Position) - जब एक ट्रेडर किसी समूह वित्तीय उपकरण को बेचता है तो वह उसे "शॉर्ट पोजीशन" में होता है। यह बाजार के नीचे जाने को अभिव्यक्त करता है जिसमें ट्रेडर अनुमान लगाता है कि वित्तीय उपकरण की कीमत कम होगी और उसे अधिक मूल्य पर खरीदने की उम्मीद रखता है।
ड्रॉडाउन (Drawdown) - ड्रॉडाउन एक ट्रेडिंग सिस्टम की गिरावट की अवधि है जब यह नुकसान उत्पन्न करता है। यह ट्रेडर की खाते के मूल्य के नीचे जाने को अभिव्यक्त करता है। यह बहुत ही असुरक्षित ट्रेडिंग प्रणाली हो सकती है जो अधिकतम नुकसान का खतरा उत्पन्न करती है।
यहां आपको कुछ फोरेक्स ट्रेडिंग में उपयोग किए जाने वाले महत्वपूर्ण शब्दों के बारे में संपूर्ण जानकारी मिल गई है। अगर आप एक नए फोरेक्स ट्रेडर हैं तो आपको इन शब्दों को समझने की कोशिश करनी चाहिए और आपको एक अच्छे वित्तीय नियोजन और व्यवस्था के साथ अपने वित्तीय निवेश का प्रबंधन करने की सलाह दी जाती है। आपको फोरेक्स ट्रेडिंग में उनका उपयोग करते समय इन शब्दों के अर्थ और उनका महत्व पूरी तरह से समझना चाहिए।
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