रुद्राक्ष का प्रत्येक मुख अपने अंदर असीमित शक्तियां समेटे हुए है। रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से बताई जाती है। जो की मनुष्यों के आंसुओं का समाधान अपने अंदर समेटे हुए है। बस हमें जरुरत है अपनी राशि और लग्न के अनुसार रुद्राक्ष को लेकर उसे धारण करने की।
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आप जब चारों तरफ से निराश हो जाएँ। जब आपको लगने लगे की अब सारे रस्ते बंद हो गए हों। जीवन में अब कुछ नहीं बचा है। अब आप कुछ भी नहीं कर सकते। ना कोई साथ देने वाला है और ना कोई सहारा। जब चारों ओर अंधकार छा जाये और सब कुछ ख़त्म हो जाये तब ऐसे समय में आपको आठ मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। भगवान गणेश आठ मुखी रुद्राक्ष को एनर्जी देते है। और यह आठ मुखी रुद्राक्ष आठों तरफ से हमारी रक्षा करता है। और आठों पहर हमारे साथ जुड़ा रहता है। आईये इससे सम्बंधित और जानकारी प्राप्त करते है।
आठ मुखी रुद्राक्ष कैसे धारण करें ?
आठ मुखी रुद्राक्ष को सिद्ध कैसे करे ? या आठ मुखी रुद्राक्ष की प्राण प्रतिष्ठा कैसे करे ?
आठ मुखी रुद्राक्ष का बीज मंत्र क्या है ?
आठ मुखी रुद्राक्ष की पूजा कैसे की जाती है ?
आठ मुखी रुद्राक्ष पहनने से क्या होता है ?
आठ मुखी रुद्राक्ष के फायदे ?
किस दिन धारण करे आठ मुखी रुद्राक्ष ?
किस राशि के लोगों को आठ मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए ?
आठ मुखी रुद्राक्ष किसे नहीं धारण करना चाहिए ?
क्या आठ मुखी रुद्राक्ष पहनने के बाद कुछ सावधानिया भी बरतनी पड़ती है ?
आठ मुखी रुद्राक्ष के औषधीय गुण ?
किस बीमारी में काम आता है आठ मुखी रुद्राक्ष ?
आठ मुखी रुद्राक्ष का पानी कैसे बनाये ?
किस काम में आता है आठ मुखी रुद्राक्ष का पानी ?
किन लोगो को पहनना चाहिए आठ मुखी रुद्राक्ष ?
आठ मुखी रुद्राक्ष की कीमत क्या है ?
आठ मुखी रुद्राक्ष की पहचान क्या है ?
क्या आठ मुखी रुद्राक्ष को सोने, चाँदी या धागे में धारण कर सकते है ?
क्या महिलाओं के पर्स में 8 मुखी रुद्राक्ष रख सकते है ?
क्या 8 मुखी रुद्राक्ष ब्रेसलेट पहन सकते है ?
क्या 8 मुखी रुद्राक्ष को घर में रख सकते है ?
क्या 8 मुखी रुद्राक्ष को तिजोरी में रख सकते है ?
8 मुखी रुद्राक्ष धारण करने के पश्चात् कितने दिन में सक्रीय होता है ?
आठ मुखी रुद्राक्ष कैसे धारण करें ?
आठ मुखी रुद्राक्ष को सिद्ध करने के उपरांत शिवलिंग को स्पर्श करवा कर, तथा इसके बीज मंत्र का 108 बार पाठ करें। एवं "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जप करते हुए हमें इसे धारण करे। रुद्राक्ष धारण करने के पश्चात् कुछ नियम होते है कुछ सावधानिया होती है जिनका पालन करना अति आवश्यक होता है। अगर उनका पालन नहीं किया गया तो इसके नकारात्मक परिणाम हमारे जीवन को प्रभावित करते है। अतः रुद्राक्ष धारण करने के पश्चात क्या करे क्या ना करे इसके बारे में विस्तृत जानकरी के लिए यहाँ क्लिक करें।
आठ मुखी रुद्राक्ष को सिद्ध कैसे करे ? या आठ मुखी रुद्राक्ष की प्राण प्रतिष्ठा कैसे करे ?
आठ मुखी रुद्राक्ष को जब तक प्राणप्रतिष्ठित या सिद्ध नहीं किया जाता, तब तक वह ज्यादा प्रभावित नहीं होता है। अतः हम जब भी अपनी राशि अनुसार रुद्राक्ष धारण करते है तो सबसे पहले उसे प्राणप्रतिष्ठित या सिद्ध करना चाहिए। इससे हमें रुद्राक्ष धारण करने का पूर्ण फल प्राप्त होता है। और वह रुद्राक्ष अपना असर दिखता है। तथा हमें सकारात्मक विचारों से भर देता है। अपने रुद्राक्ष को सिद्ध कैसे करे ? इस विषय में विस्तृत जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें।
आठ मुखी रुद्राक्ष का बीज मंत्र क्या है ?
शिव-महापुराण में वर्णित आठ मुखी रुद्राक्ष को सिद्ध करने का मंत्र है, !! ॐ ह्रां ग्रीं लं आं श्रीं !! यह मंत्र आठ मुखी रुद्राक्ष का बीज मंत्र है। इस मंत्र के द्वारा आप अपने आठ मुखी रुद्राक्ष को सिद्ध कर सकते है। रुद्राक्ष को सिद्ध करने की विधिवत जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करे।
आठ मुखी रुद्राक्ष की पूजा कैसे की जाती है ?
आठ मुखी रुद्राक्ष की दैनिक पूजा बहुत ही आसान है। आठ मुखी रुद्राक्ष को सिद्ध करने के पश्चात् पूजा के समय रुद्राक्ष को साफ पानी से स्नान करवा कर शिवलिंग के पास रख दे। आप अपनी दैनिक पूजा समाप्त कर लें। एवं ॐ नमः शिवाय बोलते हुए आप उस रुद्राक्ष को धारण कर सकते है। रुद्राक्ष के बारे में और महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
आठ मुखी रुद्राक्ष पहनने से क्या होता है ?
आठ मुखी रुद्राक्ष में अस्टविनायक श्री गणेशजी और मुरगन स्वामी श्री कार्तिकेय भगवान इन दोनों देवताओं की शक्तियों का समावेश है। इस रुद्राक्ष को धारण करने से जातक को श्री गणेश भगवान का आशीर्वाद तो मिलता ही है। साथ में श्री कार्तिकेय भगवान का भी सहयोग प्राप्त होता है। ग्रहों में आठ मुखी रुद्राक्ष का स्वामी केतु ग्रह है। यदि जातक सात मुखी और आठ मुखी रुद्राक्ष साथ में धारण करे तो शनि ग्रह और केतु ग्रह इन दोनों की महादशा में आश्चर्जनक लाभ प्राप्त कर सकता है। जो जातक अपने जीवन में असफलताओं का सामना कर रहे है उनके लिए ये दोनों रुद्राक्ष किसी वरदान से काम नहीं है।
यदि जातक कोई नया काम स्टार्ट कर रहा है तो। उसे सबसे पहले आठ मुखी रुद्राक्ष का पूजन और धारण करना चाहिए। क्योंकि श्री गणेश की पूजा सबसे पहले की जाती है। और आठ मुखी रुद्राक्ष के प्रमुख देवता श्री गणेश जी है। और वह अपने जातक को सफलता का आशीर्वाद देते है।
आठ मुखी रुद्राक्ष केतु के दुष्प्रभाव को कम कर देता है। और जातक के अंदर तर्क-वितर्क करने की क्षमता में वृद्धि करता है। अर्थात सोचने और समझने की शक्ति में वृद्धि करता है। यह रुद्राक्ष सभी बाधाओं को दूर करके जातक को सफलता दिलवाने में सक्षम है। यदि जातक आठ मुखी रुद्राक्ष धारण करे तो यह रुद्राक्ष जातक के जीवन में हर कार्य क्षेत्र में सफलता दिलवाता है।
आठ मुखी रुद्राक्ष के फायदे ?
केतु ग्रह के प्रभाव से होने वाले दुष्प्रभाव को ख़त्म करने वाले इस दिव्य आठ मुखी रुद्राक्ष को धारण करना अति शुभ होता है। आईये जानते है इसके धारण करने से होने वाले लाभ के बारे में।
जो लोग हर समय आनेवाली बाधाओं से परेशां रहते है वो लोग भी आठ मुखी रुद्राक्ष की पूजा कर सकते है।
जिस जातक के कार्य बनते-बनते अंत समय में बिगड़ जाते है उन लोगो के लिए आठ मुखी रुद्राक्ष वरदान है।
यदि आपको भूत-प्रेत या छाया से परेशानी हो तो भी आप आठ मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है।
यदि आप स्वप्न में भूत-प्रेत या पैशाचिक क्रिया देखते हो, या सर्प का स्वप्न देखते हो तो भी आपको आठ मुखी रुद्राक्ष धारण करने से भय से मुक्ति मिलती है।
जो लोग कोर्ट कचहरी में सालों से परेशान है उन जातको को रुद्राभिषेक करने के उपरांत आठ मुखी रुद्राक्ष धारण करना बहुत हितकर होता है।
यदि कोई जातक गुप्त साधना करता है तो उसे भी आठ मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। इससे उसे जल्दी ही लाभ मिलता है।
किस दिन धारण करे आठ मुखी रुद्राक्ष ?
आठ मुखी रुद्राक्ष को सदा शुभ मुहूर्त में धारण करना चाहिए। तथा जानकारों की मने तो रुद्राक्ष को सदैव शुक्ल पक्ष के किसी भी सोमवार के दिन शिवलिंग का अभिषेक करने के पश्चात् ही धारण करना चाहिए। 8 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से जातक मानसिक तथा आध्यात्मिक रूप से मजबूत बनता है। इसके धारण करने के और भी शुभ दिन है इसके बारे में विस्तार से जानने के लिए यहाँ क्लिक करे।
किस राशि के लोगों को आठ मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए ?
जिनका जन्म नक्षत्र आर्द्रा, स्वाति या सतभिखा हो वह लोग निःसंकोच आठ मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है। जिस जातक की मीन राशि है उनके लिए आठ (8) मुखी रुद्राक्ष श्री गणेश और श्री कार्तिकेय भगवान का वरदान है। इस राशि के जातकों को अपने उज्जवल भविष्य के लिए तथा रिद्धि और सिद्धि की प्राप्ति के लिए एवं तर्क वितर्क की शक्ति के लिए आठ मुखी रुद्राक्ष तुरंत धारण करना चाहिए।
आठ मुखी रुद्राक्ष किसे नहीं धारण करना चाहिए ?
मांस मदिरा का सेवन करने वाले और नशीली वस्तुओं का सेवन करने वाले व्यक्तियो को आठ मुखी रुद्राक्ष धारण करना तथा स्पर्श करना सदा वर्जित है। शास्त्रों में कहा गया है की ऐसा व्यक्ति यदि 8 मुखी रुद्राक्ष धारण करता है या स्पर्श करता है तो उसे इस रुद्राक्ष के नकारात्मक परिणामों का सामना करना पड़ सकता है। एवं वह व्यक्ति पाप का भागी बनता है। अतः इससे बेहतर यह है की ऐसा व्यक्ति रुद्राक्ष को स्पर्श करने से बचे। यदि आप विस्तार से जानना चाहते है की रुद्राक्ष धारण करने के पश्चात् क्या सावधानिया बरतनी चाहिए तो यहाँ क्लिक करें।
क्या 8 मुखी रुद्राक्ष पहनने के बाद कुछ सावधानिया भी बरतनी पड़ती है ?
यदि आप आठ मुखी रुद्राक्ष धारण कर रहे है तो आपको कुछ सावधानिया अवश्य बरतनी चाहिए। अगर आपने उन सावधानियों पर ध्यान नहीं दिया तो आपको इसके नकारात्मक परिणाम भुगतने पड़ेंगे। और अपने जीवन के मुश्किल दौर का सामना करना पड़ेगा। रुद्राक्ष धारण करने के पश्चात् कौन-कौन सी सावधानिया बरतनी पड़ती है यह जानने के लिए यहाँ क्लिक करें।
आठ मुखी रुद्राक्ष के औषधीय गुण ?
फेफड़े, पेट और लिवर से सम्बन्धी बिमारियों में आठ मुखी रुद्राक्ष धारण करने से बहुत आराम मिलता है। गले, कान और नाक से सम्बंधित समस्यांए भी इस रुद्राक्ष के प्रभाव से ख़त्म हो जाती है। अतः जातक को उपयुक्त समस्याएं हो तो इस दिव्य मनके को धारण कर के इसका लाभ अवश्य प्राप्त करना चाहिए।
किस बीमारी में काम आता है आठ मुखी रुद्राक्ष ?
जिस व्यक्ति के घुटने में दर्द हो, कमर में दर्द हो, या पीठ में दर्द हो, फेफड़े, पेट और लिवर से सम्बन्धी बीमारी हो, गले, कान और नाक से सम्बंधित समस्यांए हो या आपका शरीर आपको कष्ट प्रदान कर रहा हो। जिस जातक को ब्लड-प्रेशर की बीमारी हो या शुगर की बीमारी हो तो ऐसे समय में जातक को आठ मुखी रुद्राक्ष धारण करने से शीघ्र लाभ होता है।
आठ मुखी रुद्राक्ष एक विशेष गुण यह है की यदि आपकी शुगर बहुत ज्यादा है। कंट्रोल में नहीं आ रही है। तो उस समय आप गाय के गोबर के उपले के ऊपर चुटकी भर हल्दी डाल कर उसपर पैर रख कर आठ मुखी रुद्राक्ष का मंत्र बोलते हुए 20 मिनट बैठे रहे। 3 दिन के पश्चात् आपकी शुगर लेवल में आना शुरू हो जाएगी।
आठ मुखी रुद्राक्ष का पानी कैसे बनाये ?
आठ मुखी रुद्राक्ष का पानी बनाना बहुत ही आसान है। सबसे पहले आप एक लोटे में साफ जल ले एवं उसके अंदर आठ मुखी रुद्राक्ष धोकर डाल दें। और उस जल को ढँक कर रात भर के लिए छोड़ दे। सुबह आप उस जल में से वह रुद्राक्ष निकाल ले। रुद्राक्ष का पानी आपके इस्तेमाल के लिए तैयार है। आप उस पानी को अपने काम में ले सकते है। और अपने रोगों से छुटकारा पा सकते है। यदि आप रुद्राक्ष का जल सुबह इस्तेमाल करना चाहते है तो रात में पानी बनायें और शाम को इस्तेमाल करता चाहते है तो सुबह रुद्राक्ष का पानी बनाये।
किस काम में आता है आठ मुखी रुद्राक्ष का पानी ?
रुद्राक्ष का पानी एक औषधि की तरह इस्तेमाल में लिया जाता है। रुद्राक्ष यह एक ऐसी लकड़ी है जो पानी में डूबती नहीं है। कारण है इसका घनत्व और इसमें पाए जाने वाले खनिज लवण। इसका घनत्व आम लकड़ी से ज्यादा होता है। और इसके खनिज तत्त्व पानी में मिल कर उस पानी को औषधि का रूप दे देते है। रुद्राक्ष का जल मनुष्यों के लिए अमृततुल्य होता है। रुद्राक्ष के जल से होने वाले फायदे के बारे में विस्तार से जानने के लिए यहाँ क्लिक करे। और अपने जीवन को निरोगी एवं सुखमय बनाये।
किन लोगो को पहनना चाहिए आठ मुखी रुद्राक्ष ?
यदि आप प्रमोशन चाहते है तो धारण करे आठ मुखी रुद्राक्ष। आठ मुखी रुद्राक्ष धारण करने से मान-सम्मान में वृद्धि होती है। पद-प्रतिष्ठा में इजाफा होता है।
जिस जातक की जन्म कुंडली में राहु द्वारा पितृ दोष का निर्माण होता है। उन्हें आठ मुखी रुद्राक्ष धारण करने से बहुत लाभ मिलता है।
जिस जातक की जन्म कुंडली में कालसर्प दोष का निर्माण हो रहा हो ऐसे जातकों को भी आठ मुखी रुद्राक्ष जरूर धारण करना चाहिए।
जिनके घर परिवार में शुभ कार्य में अचानक विघ्न आ जाता है। उन जातको को भी आठ मुखी रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए। या घर में आठ मुखी रुद्राक्ष की पूजा करनी चाहिए।
अंक शास्त्र के अनुसार जिस जातक का मूलांक एवं भाग्यांक 4 हो उन लोगों को भी आठ मुखी रुद्राक्ष धारण करना अति फलदाई होता है।
जिस जातक के पास जन्म कुंडली ना हो और वह रुद्राक्ष धारण करना चाहता है तो अपने नाम के पहले अक्षर के आधार पर भी वह आठ मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकता है। ( कु, घ, ड, छ, रु, रे, रो, ता, गो, सा, सी, सू )
अंक शास्त्र के अनुसार जिस जातक के पास अपने जन्म से सम्बन्धी कोई भी जानकारी नहीं है। वह, अंग्रेजी वर्णमाला के अनुसार भी आठ मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकता है। (D, M, V, )
आठ मुखी रुद्राक्ष की कीमत क्या है ?
आठ मुखी रुद्राक्ष अनमोल है। फिर भी जन साधारण मनुष्यों के लिए यह बाजार में लगभग 500/- से लेकर तो 4500/- तक की कीमत में उपलब्ध है। आप अपनी सुविधानुसार ऑनलाइन या ऑफलाइन इसे मंगवा सकते है। और अपने काम में ले सकते है। बस एक बात का ध्यान रहे के रुद्राक्ष असली होना चाहिए।
आठ मुखी रुद्राक्ष की पहचान क्या है ?
आठ मुखी रुद्राक्ष की मुख्य पहचान यह है की इस मनके में आठ धारियाँ होती है। परन्तु आप इस रुद्राक्ष को सिर्फ धारियों से पहचानना चाहते है। तो यह गलत है। क्योंकि नया रुद्राक्ष लेने से पहले किसी जानकर व्यक्ति से उसके बारे में जान लेना महत्वपूर्ण है। चाहे वह जानकारी दोस्तों से मिले, इंटरनेट से मिले या कही और से मिले। मतलब सिर्फ इतना है की आपको सही चीज मिलना चाहिए। असली रुद्राक्ष की पहचान कैसे करें? एक बार इस पोस्ट को आप लोग जरूर पढ़ें। इससे आपको असली और नकली रुद्राक्ष पहचानने में बहुत मदत मिलेगी। और हाँ। यदि आपको इस पोस्ट को पढ़ कर फायदा हुआ तो यह जानकारी अपने तक ही सिमित मत रखना। आप इसे शेयर जरूर करना।
क्या आठ मुखी रुद्राक्ष को सोने, चाँदी या धागे में धारण कर सकते है ?
जी हाँ दोस्तों यदि आप समर्थ है तो आठ मुखी रुद्राक्ष को सोने या चाँदी के तार में भी धारण कर सकते है। आप चाहे तो आठ मुखी रुद्राक्ष का लाकेट भी पहन सकते है। और यदि आप साधारण परिवार से है तो आप 8 मुखी रुद्राक्ष को लाल या सफ़ेद धागे में भी धारण कर सकते है। और मनचाही सफलता प्राप्त कर सकते है। यदि संभव हो तो आप रुद्राक्ष को लाल धागे में ही धारण करे।
आठ मुखी रुद्राक्ष को आप पंचधातु में भी धारण कर सकते है। कच्चा दूध और गंगाजल में रखने के पश्चात् इसे पंचधातु में धारण करना अति शुभ होता है। इससे आपको इस रुद्राक्ष के बहुत जल्दी प्रभाव देखने को मिलते है।
क्या महिलाओं के पर्स में 8 मुखी रुद्राक्ष रख सकते है ?
आठ (8) मुखी रुद्राक्ष में अष्टविनायक श्री गणेश जी एवं मुरगन स्वामी श्री कार्तिकेय जी का आशीर्वाद है। और यह रुद्राक्ष केतु ग्रह से सम्बंधित होता है। अतः अष्टमुखी रुद्राक्ष को अपने घर में स्थापित कर के पूजा करना चाहिए या गले में धारण करना चाहिए। इस रुद्राक्ष को सफ़ेद कपडे में लपेट कर पर्स में रखना चाहिए। जिससे यह जातक के चारोंओर एक औरा बना देता है। और रक्षा करता है।
क्या 8 मुखी रुद्राक्ष ब्रेसलेट पहन सकते है ?
यदि आप आठ मुखी रुद्राक्ष को गले में धारण नहीं करना चाहते है तो आप इसका ब्रेसलेट बना कर पहन सकते है। आठ मुखी रुद्राक्ष का ब्रेसलेट बहुत सुन्दर बनता है। या आप आठ मुखी रुद्राक्ष को अपनी ऊपर वाली जेब में भी रख सकते है।
क्या 8 मुखी रुद्राक्ष को घर में रख सकते है ?
यदि आप 8 मुखी रुद्राक्ष को धारण नहीं करना चाहते हो तो आप अपने घर के मंदिर में 8 मुखी रुद्राक्ष को रख सकते है। और प्रति दिन इस 8 मुखी रुद्राक्ष की पूजा तथा दर्शन करने के पश्चात् ही आप घर से बहार काम पे जाएँ आपको आपके कार्य में सफलता अवश्य मिलेगी। आपको सदा यश की प्राप्ति होगी तथा आपके पराक्रम में वृद्धि होगी।
क्या 8 मुखी रुद्राक्ष को तिजोरी में रख सकते है ?
आठ मुखी रुद्राक्ष एक बुद्धिहीन को भी विद्वान बना सकता है। क्योकि यह रुद्राक्ष श्री गणेश का प्रतिनिधित्व करता है। और जिसपर श्रीगणेश की कृपा हो वह भला बुद्धिहीन कैसे रह सकता है। इस आठ मुखी रुद्राक्ष को आप अपनी कलाई में बांध सकते है, गले में धारण कर सकते है, अपने ऑफिस में रख सकते है, यदि आप विद्यार्थी है तो आप जहाँ पढाई करते है वहां पर इसे रख सकते है। भगवन गणेश आपको बुद्धि रिद्धि सिद्धि प्रदान करेंगे।
8 मुखी रुद्राक्ष धारण करने के पश्चात् कितने दिन में सक्रीय होता है ?
यदि आपने असली 8 मुखी नेपाली रुद्राक्ष विधि पूर्वक प्राणप्रतिष्ठित एवं सिद्ध किया है। तथा उसे धारण किया है तो वह रुद्राक्ष केवल सात दिन में ही अपना असर दिखाना चालू कर देता है। हो सके तो 8 मुखी रुद्राक्ष को सफ़ेद धागे में ही धारण करे। क्योंकि सफ़ेद रंग विद्या का प्रतिक है।
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