Information About 5 Mukhi Rudraksh : Panch Mukhi Rudraksha : पांचमुखी रुद्राक्ष की सम्पूर्ण जानकारी : only4us.in

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पांचमुखी रुद्राक्ष धारण करने से अनिद्रा, तनाव, एवं मानसिक विकार जैसे रोगों में बहुत लाभ मिलता है।  



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पूरी दुनियाँ में सबसे ज्यादा पाया जाने वाला रुद्राक्ष है, "पांचमुखी रुद्राक्ष " !  इस रुद्राक्ष के अधिपति बृहस्पति देव है। बृहस्पति देव किस चीज के कारक है ? तो आपको बता दूँ की, पद प्रतिष्ठा, मान सम्मान, ज्ञान विज्ञान, संतान एवं धन सम्बंधित कार्यों में बृहस्पति देव कारक है। पांचमुखी होने के कारण यह रुद्राक्ष पांच तत्वों को कण्ट्रोल करता है। अतः ये सारी विशेषताएं आती है पांचमुखी रुद्राक्ष में। इसलिए खास है पांचमुखी रुद्राक्ष !

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पांचमुखी रुद्राक्ष को सिद्ध कैसे करे ? या पांच मुखी रुद्राक्ष की प्राण प्रतिष्ठा कैसे करे ?
पांचमुखी रुद्राक्ष का बीज मंत्र क्या है ?
पांचमुखी रुद्राक्ष की पूजा कैसे की जाती है ?
पांचमुखी रुद्राक्ष कैसे धारण करें ?
पांचमुखी रुद्राक्ष पहनने से क्या होता है ?
पांचमुखी रुद्राक्ष के फायदे ?
किस दिन धारण करे पांचमुखी रुद्राक्ष ?
किस राशि के लोगों को पांचमुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए ?
पांचमुखी रुद्राक्ष किसे नहीं धारण करना चाहिए ?
क्या पांचमुखी रुद्राक्ष पहनने के बाद कुछ सावधानिया भी बरतनी पड़ती है ?
पांचमुखी रुद्राक्ष के औषधीय गुण ?
किस बीमारी में काम आता है पांचमुखी रुद्राक्ष ?
पांचमुखी रुद्राक्ष का पानी कैसे बनाये ?
किस काम में आता है पांचमुखी रुद्राक्ष का पानी ?
किन लोगो को पहनना चाहिए पांचमुखी रुद्राक्ष ?
पांचमुखी रुद्राक्ष की कीमत क्या है ?
पांचमुखी रुद्राक्ष की पहचान क्या है ? 
क्या पांचमुखी रुद्राक्ष को सोने, चाँदी या धागे में धारण कर सकते है ?
पांचमुखी रुद्राक्ष के विशेष गुण ?


पांचमुखी रुद्राक्ष को सिद्ध कैसे करे ? या पांच मुखी रुद्राक्ष की प्राण प्रतिष्ठा कैसे करे ?
कोई भी रुद्राक्ष हो, जब उसे प्राणप्रतिष्ठित या सिद्ध नहीं किया जाता, तब तक वह निष्क्रिय रहता है। अतः हम जब अपनी राशि अनुसार रुद्राक्ष धारण करते है तो सबसे पहले उसे प्राणप्रतिष्ठित या सिद्ध करना चाहिए। इससे हमें रुद्राक्ष धारण करने का पूर्ण फल प्राप्त होता है। अपने रुद्राक्ष को सिद्ध कैसे करे ? इस विषय में विस्तृत जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें।  

पांचमुखी रुद्राक्ष का बीज मंत्र क्या है ?
पांचमुखी रुद्राक्ष का बीज मंत्र है,  !! ॐ ह्रीं क्लीं नमः !! इस मंत्र के द्वारा पांचमुखी रुद्राक्ष को सिद्ध किया जाता है। हमें कम से कम 108 बार इस मंत्र का जाप करना चाहिए। 

पांचमुखी रुद्राक्ष की पूजा कैसे की जाती है ?
पांचमुखी रुद्राक्ष की दैनिक पूजा बहुत ही आसान है। पांचमुखी रुद्राक्ष को सिद्ध करने के पश्चात् पूजा के समय रुद्राक्ष को साफ पानी से स्नान करवा कर शिवलिंग के पास रख दे। आप अपनी दैनिक पूजा समाप्त कर लें। एवं ॐ नमः शिवाय बोलते हुए आप उस रुद्राक्ष को धारण कर सकते है। रुद्राक्ष के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें। 


पांचमुखी रुद्राक्ष कैसे धारण करें ?
पांचमुखी रुद्राक्ष को लाल धागे में, सोने के तार या सोने की चैन में, चाँदी के तार में या चाँदी के चैन तथा ताम्बे में  धारण किया सकता है। लेकिन रुद्राक्ष धारण करने के भी कुछ नियम होते है। यदि रुद्राक्ष को सही तरीके से धारण किया जाय तो इसका फल कई गुना बढ़ जाता है।  पांचमुखी रुद्राक्ष को बड़े विधि विधान से धारण करना चाहिए। आप उसे गले में धारण कर सकते है। भुजाओ में बांध सकते है। आजकल तो रूद्रक्ष के ब्रेसलेट भी आने लगे है। वो भी आप धारण कर सकते है। या फिर आप सिद्ध किया हुआ  प्राण प्रतिष्ठित पांचमुखी रुद्राक्ष अपने घर के पूजा में भी रख सकते है। अपने कारोबार के स्थान में भी आप पांचमुखी रुद्राक्ष रख सकते है। या अपने घर के लाकर में भी आप सिद्ध किया हुआ रुद्राक्ष रख सकते है। जब आप सिद्ध किया हुआ  प्राणप्रतिष्ठित पांचमुखी रुद्राक्ष धारण करते है तो अपने मन में शुद्धता का भाव अवश्य रखे। और साथ ही आप बृहस्पति देव से यह प्रार्थना करे की हे प्रभु जिस उद्देश्य की पूर्ति हेतु मै यह पांचमुखी रुद्राक्ष धारण कर रहा हु। उस  उद्देश्य की पूर्ति में आप मेरी मदद करे तथा मेरे मार्ग दर्शक बने। और मेरे कार्य सिद्ध में मेरी मदद करे।


पांचमुखी रुद्राक्ष पहनने से क्या होता है ?
पांचमुखी रुद्राक्ष आपके चक्रों के जागृत करने में मदत करता है।
पांचमुखी रुद्राक्ष धारण करने से हमारे आस-पास की निगेटिव एनर्जी ख़त्म हो जाती है। 
पांचमुखी रुद्राक्ष धारण करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। 
पांचमुखी रुद्राक्ष बृहस्पति के अशुभ प्रभाव को ख़त्म करता है। 
पांचमुखी रुद्राक्ष धारण करने से स्ट्रेस (तनाव) दूर होता है और मन शांत होता है। 
पांचमुखी रुद्राक्ष व्यक्ति में आध्यात्मिकता को बढ़ाता है। 

पांचमुखी रुद्राक्ष के फायदे ?
पांचमुखी रुद्राक्ष आपके आत्मविश्वास के बढ़ाता है।  
यदि आपके वैवाहिक जीवन में कुछ परेशानिया आ रही है तो रुद्राक्ष धारण करने से वह ख़त्म हो जाती है। 
पांचमुखी रुद्राक्ष धारण करने से ज्ञान में वृद्धि होती है। 
पांचमुखी रुद्राक्ष के प्रभाव से धन सम्बंधित समस्या ख़त्म हो जाती है। 
पांचमुखी रुद्राक्ष यह आपको हर क्षेत्र में सफलता दिलाता है। 
पांचमुखी रुद्राक्ष अग्नि, वायु, जल, पृथ्वी और आकाश इन पांच तत्वों को कंट्रोल करता है। इसलिए यह रुद्राक्ष काफी प्रभावशाली माना जाता है। 
पांचमुखी रुद्राक्ष विद्यार्थी को जरूर धारण करना चाहिए। इससे स्मरण शक्ति में गजब का विकास होता है। 
पांचमुखी रुद्राक्ष को समृद्धि और सफलता का प्रतिक माना जाता है। 


किस दिन धारण करे पांचमुखी रुद्राक्ष ?
पांचमुखी रुद्राक्ष साक्षात् बृहस्पति देव का स्वरुप होता है। इसको धारण करने के लिए कुछ खास दिन  होते है। अगर उन शुभ मुहूर्त में इसे धारण करे तो इसके चमत्कारिक लाभ मिलते है।  चलिए जानते है। 


१) पांचमुखी रुद्राक्ष को धारण करने का सबसे बढ़िया दिन है महाशिवरात्रि।  महाशिवरात्रि के दिन इसे धारण करना उत्तम होता है। 
२) आप श्रवणमास में किसी भी दिन पांचमुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है। यह पावन महीना शिवजी को अति प्रिय है। 
३) आप किसी भी शुभ मुहूर्त पर पांचमुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है। जैसे अक्षय तृतीया, गुरुपुष्य नक्षत्र, रविपुष्य नक्षत्र, आदि। 
४) आप शुक्ल पक्ष के किसी भी सोमवार को पांचमुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है। 
५) हर महीने में जो मासिक शिवरात्रि आती है। आप उस शिवरात्रि को भी पांचमुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है। 
६) फिर भी आपके मन में यदि शंका हो तो आप किसी भी विद्वान पंडित से शुभ मुहूर्त निकलवाकर पांचमुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है।   

किस राशि के लोगों को पांचमुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए ?
मेष, वृश्चिक, कन्या और सिंह राशि के लोग पांचमुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है। अपनी राशि के हिसाब से कौन सा रुद्राक्ष धारण करना चाहिए यह जानने के लिए यहाँ क्लिक करे। 

पांचमुखी रुद्राक्ष किसे नहीं धारण करना चाहिए ?
जो लोग मांस मदिरा का सेवन करते है। बात-बात में झूठ बोलते है। ऐसे लोगों को पांचमुखी रुद्राक्ष नहीं धारण करना चाहिए। अगर वे लोग फिर भी पांचमुखी रुद्राक्ष धारण करते है तो उन्हें नकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे। रुद्राक्ष कितने प्रकार के होते है यह जानने के लिए यहाँ क्लिक करे। 


क्या पांचमुखी रुद्राक्ष पहनने के बाद कुछ सावधानिया भी बरतनी पड़ती है ?
जी हाँ, आप पांचमुखी रुद्राक्ष धारण करें या कोई और रुद्राक्ष धारण करें। रुद्राक्ष धारण करने के पश्चात् आपको सावधानिया अवश्य बरतनी चाहिए। अगर आपने उन सावधानियों पर ध्यान नहीं दिया तो आपको इसके नकारात्मक परिणाम भुगतने पड़ेंगे। रुद्राक्ष धारण करने के पश्चात् कौन-कौन सी सावधानिया बरतनी पड़ती है यह जानने के लिए यहाँ क्लिक करें। 

पांचमुखी रुद्राक्ष के औषधीय गुण ?
पांचमुखी रुद्राक्ष धारण करने से अनिद्रा, तनाव, एवं मानसिक विकार जैसे रोगों में बहुत लाभ मिलता है। ऐसे व्यक्ति यदि पांचमुखी रुद्राक्ष धारण करते है तो उन्हें बहुत लाभ प्राप्त होता है। 

किस बीमारी में काम आता है पांचमुखी रुद्राक्ष ?
पांचमुखी रुद्राक्ष के प्रभाव से अनिद्रा जैसी बीमारी गायब हो जाती है। पांचमुखी रुद्राक्ष अनिद्रा, तनाव, एवं मानसिक विकार जैसे रोगों में बहुत काम आता है। उपरोक्त रोगों से ग्रसित व्यक्ति यदि पांचमुखी रुद्राक्ष धारण करे तो वह आश्चर्यजनक लाभ प्राप्त कर सकता है। साथ में यदि रुद्राक्ष का पानी इस्तेमाल में लिया जाये तो जातक को और भी अच्छे परिणाम प्राप्त होते है। 

पांचमुखी रुद्राक्ष का पानी कैसे बनाये ?
पांचमुखी रुद्राक्ष का पानी बनाना बहुत ही आसान है। सबसे पहले आप एक लोटे में साफ जल ले एवं उसके अंदर पांचमुखी रुद्राक्ष धोकर डाल दें। और उस जल को ढँक कर रात भर के लिए छोड़ दे। सुबह आप उस जल में से वह रुद्राक्ष निकाल ले। रुद्राक्ष का पानी आपके इस्तेमाल के लिए तैयार है। आप उस पानी को अपने काम में ले सकते है। 


किस काम में आता है पांचमुखी रुद्राक्ष का पानी ?
शास्त्रों के अनुसार रुद्राक्ष का पानी बहुत काम में आता है। रुद्राक्ष यह एक ऐसी लकड़ी है जो पानी में डूबती नहीं है। कारन है इसका घनत्व। रुद्राक्ष के जल से होने वाले फायदे के बारे में विस्तार से जानने के लिए यहाँ क्लिक करे। और रुद्राक्ष के जल का लाभ ले। 

किन लोगो को पहनना चाहिए पांचमुखी रुद्राक्ष ?
जो लोग धनु और मीन लग्न के है उन्हें पांचमुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। मेष, वृश्चिक, कन्या और सिंह राशि के लोग भी पांचमुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है। 

पांचमुखी रुद्राक्ष की कीमत क्या है ?
सामान्यतः 5 मुखी रुद्राक्ष पूरी दुनियां में सबसे ज्यादा पाए जाते है। अतः यह आपको 50/- रुपये से 500/- में मिल जायेगा। असली और नकली रुद्राक्ष की पहचान कैसे करे यह जानने के लिए यहाँ क्लिक करे। 

पांचमुखी रुद्राक्ष की पहचान क्या है ? 
साधारणतः पांचमुखी रुद्राक्ष में 5 धारिया होती है। यही इसके मुख्य पहचान है। आप यदि नया रुद्राक्ष लेने जा रहे है तो एक बार मेरी ये पोस्ट ( असली रुद्राक्ष की पहचान क्या है ? ) अवश्य पढ़े। इससे आपको असली रुद्राक्ष पहचानने में काफी मदत मिलेगी। 


क्या पांचमुखी रुद्राक्ष को सोने, चाँदी या धागे में धारण कर सकते है ?
जी हाँ, आप पांचमुखी रुद्राक्ष को लाल या सफ़ेद धागे में पहन सकते है। आप पांचमुखी रुद्राक्ष को ताम्बे में भी धारण कर सकते है। यदि आप समर्थवान है तो पांचमुखी रुद्राक्ष को सोने या चांदी में भी धारण कर सकते है। 

पांचमुखी रुद्राक्ष के विशेष गुण
ताम्बे के लोटे में जल भर कर उसके अंदर पांचमुखी रुद्राक्ष  आधे घंटे के लिए डाल दें। फिर चम्मच से रुद्राक्ष निकाल ले। अब वह जल और "समीपत्र " भोलेनाथ के शिवलिंग पर अपनी मनोकामना बोलते हुए अर्पित कर दें। तीन महीने के अंदर आपकी मनोकामना शिवजी अवश्य पूरी कर देंगे। नहीं तो आपको उस मार्ग का पता चल जायेगा जिससे आपकी मनोकामना पूरी होगी। "ॐ नमः शिवाय "

जिस रुद्राक्ष में छेद नहीं होता है। उस रुद्राक्ष में पावर ज्यादा होता है। वह आपको अति शीघ्र फल प्रदान करने में सक्षम होता है। यदि प्राकृतिक छेद है तो उसमे भी पावर होता है। लेकिन यदि रुद्राक्ष में मशीनों द्वारा छेद किया गया है तो वह रुद्राक्ष खंडित हो जाता है। और खंडित रुद्राक्ष नहीं धारण करना चाहिए। क्यों की इसके धारण से कोई फल प्राप्त नहीं होता है। वह मात्र एक आभूषण होता है। 



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