नमस्कार दोस्तों,
मै only4us.in की तरफ से आप सब लोगों का स्वागत करते हुए आज 10 मुखी रुद्राक्ष की जानकारी ले कर आया हूँ। उम्मीद है इससे आपके ज्ञान में वृद्धि होगी और आप 10 मुखी रुद्राक्ष को और करीब से जान सकेंगे। तथा आप लोग 10 मुखी रुद्राक्ष का लाभ अवश्य उठाएंगे।
जब कोई जातक गुरु ग्रह से ग्रसित हो जाये तब उसे 10 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। गुरु का काम है जातक को सही मार्ग दिखाना। यदि मनुष्य को सही मार्ग का ज्ञान हो जाए तो वह सही निर्णय ले कर अपने कार्य सिद्ध कर सकता है। और अपने तरक्की के द्वार खोल सकता है। यह एक ऐसा रुद्राक्ष है जिसे कोई भी मनुष्य धारण कर सकता है जिसे अपनी जन्म तारीख या कुंडली के बारे में कुछ भी पता ना हो वह भी इस रुद्राक्ष को धारण कर सकता है। आइये जानते है 10 मुखी रुद्राक्ष से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण जानकारियाँ।
कुंडली में गुरु ग्रह ख़राब है यह कैसे पता करे ?
10 मुखी रुद्राक्ष कैसे धारण करें ?
10 मुखी रुद्राक्ष को सिद्ध कैसे करे ? या दस (10) मुखी रुद्राक्ष की प्राण प्रतिष्ठा कैसे करे ?
10 मुखी रुद्राक्ष का बीज मंत्र क्या है ?
10 मुखी रुद्राक्ष की पूजा कैसे की जाती है ?
10 मुखी रुद्राक्ष पहनने से क्या होता है ?
दस (10) मुखी रुद्राक्ष के फायदे ?
किस दिन धारण करे दस (10) मुखी रुद्राक्ष ?
किस राशि के लोगों को दस (10) मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए ?
गुरु ग्रह 10 मुखी रुद्राक्ष की विशेषताएं ?
10 मुखी रुद्राक्ष किसे नहीं धारण करना चाहिए ?
क्या दस (10) मुखी रुद्राक्ष पहनने के बाद कुछ सावधानिया भी बरतनी पड़ती है ?
दस (10) मुखी रुद्राक्ष के औषधीय गुण ?
किस बीमारी में काम आता है दस (10) मुखी रुद्राक्ष ?
दस (10) मुखी रुद्राक्ष का पानी कैसे बनाये ?
किस काम में आता है दस (10) मुखी रुद्राक्ष का पानी ?
किन लोगो को पहनना चाहिए दस (10) मुखी रुद्राक्ष ?
दस (10) मुखी रुद्राक्ष की कीमत क्या है ?
दस (10) मुखी रुद्राक्ष की पहचान क्या है ?
क्या दस (10) मुखी रुद्राक्ष को सोने, चाँदी या धागे में धारण कर सकते है ?
कुंडली में गुरु ग्रह ख़राब है यह कैसे पता करे ?
जब जातक का गुरु ग्रह कुंडली में ख़राब होता है तब, वह कोई भी निर्णय नहीं ले सकता। वह एकदम सुस्त बैठा रहता है। हर काम को टालने में रूचि दिखता है। किसी भी काम को करने में मन नहीं लगता। उसका स्वाभाव एकदम चिड़चिड़ा हो जाता है। घर में पैसों की तंगी रहती है। हर समय चिंता में डूबा रहता है। जातक के मन में प्रति क्षण नकारात्मक विचार आते है। ऐसे व्यक्ति को यदि समय पर सही मार्ग-दर्शक नहीं मिला तो वह गलत कदम उठा सकता है। जब ऐसी परिस्थिति जातक के सामने हो तो उसे चाहिए की वह 10 मुखी रुद्राक्ष का शुद्धिकरण एवं सिद्दीकरण करने के पश्चात् उस रुद्राक्ष को प्राणप्रतिष्ठित करके शुक्ल पक्ष के किसी भी सोमवार को धारण करे।
दस (10) मुखी रुद्राक्ष कैसे धारण करें ?
10 मुखी रुद्राक्ष का सिद्धिकरण एवं शुद्धिकरण करने के उपरांत शिवलिंग को स्पर्श करवा कर, तथा इसके बीज मंत्र का 108 बार पाठ करें। एवं "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जप करते हुए इस रुद्राक्ष को धारण करें। रुद्राक्ष धारण करने के कुछ नियम होते है कुछ सावधानिया होती है जिनका पालन करना अति आवश्यक होता है। अगर उनका पालन नहीं किया गया तो इसके नकारात्मक परिणाम हमारे जीवन को प्रभावित करते है। अतः रुद्राक्ष धारण करने के पश्चात क्या करे क्या ना करे इसके बारे में विस्तृत जानकरी के लिए यहाँ क्लिक करें।
दस (10) मुखी रुद्राक्ष को सिद्ध कैसे करे ? या दस (10) मुखी रुद्राक्ष की प्राण प्रतिष्ठा कैसे करे ?
10 मुखी रुद्राक्ष का जब तक शुद्धिकरण और सिद्धिकरण नहीं किया जाता, तब तक वह ज्यादा प्रभावशाली नहीं होता है। अतः हम जब भी अपनी राशि अनुसार रुद्राक्ष धारण करते है, तो सबसे पहले उसे प्राणप्रतिष्ठित या सिद्ध करना चाहिए। इससे हमें रुद्राक्ष धारण करने का पूर्ण फल प्राप्त होता है। और वह रुद्राक्ष अपना पूर्ण असर दिखता है। तथा हमें सकारात्मक विचारों से भर देता है। एक सिद्ध एवं प्राणप्रतिष्ठित 10 मुखी रुद्राक्ष जातक के चारों ओर एक सुरक्षा कवच का निर्माण करता है। जिससे जातक के सुरक्षा होती है। अपने रुद्राक्ष को सिद्ध कैसे करे ? इस विषय में विस्तृत जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें।
दस (10) मुखी रुद्राक्ष का बीज मंत्र क्या है ?
10 मुखी रुद्राक्ष का शुद्धिकरण और सिद्धिकरण करना अति महत्वपूर्ण है अतः शिव महापुराण के अनुसार इस रुद्राक्ष का बीज मंत्र है, ।। ऊँ ह्रीं नमः।। इस मंत्र के द्वारा इस रुद्राक्ष का सिद्धिकरण एवं शुद्धिकरण होता है।
दस (10) मुखी रुद्राक्ष की पूजा कैसे की जाती है ?
10 मुखी रुद्राक्ष को बहुत शक्ति शाली माना जाता है। क्योंकि इसके ऊपर भगवान विष्णु, दस महाविद्या, दस दिग्पाल आदि देवताओं का आशीर्वाद होता है। भगवान विष्णु अपने दस अवतारों में अलग अलग शक्तियों के साथ इस धरती पर अवतरित हुए थे, वे सारी शक्तियां और दस महाविद्या, इस रुद्राक्ष के दसों मुखों में समाहित होती है। 10 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने वाला जातक दस महा विद्याओं और शक्तियों को प्राप्त करने की ओर अग्रसर होता है। और अंत में विष्णु लोक को प्राप्त करता है। अनेक समस्याओं का एक समाधान, 10 मुखी रुद्राक्ष। आपको बस धैर्य और विश्वास के साथ इसे बस धारण करना है। 10 मुखी रुद्राक्ष को सिद्ध करने के पश्चात् पूजा के समय साफ पानी से स्नान करवा कर शिवलिंग के पास रख दे। आप अपनी दैनिक पूजा समाप्त कर लें। एवं ॐ नमः शिवाय बोलते हुए आप उस 10 मुखी रुद्राक्ष को धारण कर सकते है। रुद्राक्ष के बारे में और महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
दस (10) मुखी रुद्राक्ष पहनने से क्या होता है ?
10 मुखी रुद्राक्ष के ऊपर दस दशाओं, दस दिग्पाल और भगवान् यमराज का भी आशीर्वाद रहता है। 10 मुखी रुद्राक्ष नवों ग्रहो को कंटोल करता है। इस लिए इस रुद्राक्ष के बारे में कहा जाता है की, इसको धारण करने वाले जातक को नजर नहीं लगती, और काले जादू का भी जातक के ऊपर कोई भी असर नहीं होता है। 10 मुखी रुद्राक्ष अपने दुर्लभ गुणों के कारन काफी लोकप्रिय है। यह रुद्राक्ष जातक के मन से भूतों के डर को ख़त्म कर देता है। जिस जातक को हमेसा ये डर सताता रहता है की उनके पीछे कोई चल रहा है तो ऐसे जातको को चाहिए की वो लोग 10 मुखी रुद्राक्ष सिद्ध एवं अभिमंत्रित करके धारण करे। यह रुद्राक्ष उनके मन में शांति प्रदान करने में सक्षम है। दस मुखी रुद्राक्ष का सबसे बड़ा गुण यह है की यह वास्तु दोष को तत्काल ख़त्म कर देता है। 10 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने मात्र से आपके अंदर सकारात्मकता का संचार होता है आपको नए नए मार्ग दिखाई देने लगते है। आप यदि अपने लिए जॉब ढूंढ रहे है तो उसमे भी आपको सफलता मिलती है। यदि आप कोई बिज़नेस कर रहे है तो वह और आगे बढ़ता जाता है।
दस (10) मुखी रुद्राक्ष के फायदे ?
10 मुखी रुद्राक्ष धारण करने के अनेक फायदे है। चलिए जानते है इसे धारण करने के लाभ,
10 मुखी रुद्राक्ष अनिद्रा और भय को ख़त्म करने में मदत करता है।
10 मुखी रुद्राक्ष सुनने की समस्याओं में भी काफी असर दार होता है।
10 मुखी रुद्राक्ष आपके घर के वस्तु दोष को ख़त्म कर देता है।
यदि आपके दुकान में भी वस्तु दोष हो तो वहां पर भी 10 मुखी रुद्राक्ष अपना असर दिखता है।
वाद-विवाद और पुरानी शत्रुता को ख़त्म करने में सहायक होता है 10 मुखी रुद्राक्ष।
कोर्ट कचहरी के मामलों में सदा सकारात्मक परिणाम दिलाता है 10 मुखी रुद्राक्ष।
भगवान विष्णु के आशीर्वाद से यह रुद्राक्ष नव-ग्रहों के नकारात्मक परिणाम को ख़त्म कर देता है।
10 मुखी रुद्राक्ष सब जगह नकारात्मक विचार और नकारात्मक ऊर्जा से जातक की रक्षा करता है।
10 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने वाला काले जादू से सुरक्षित रहता है।
कालसर्प दोष को दूर करने के अद्भुत शक्ति होती है 10 मुखी रुद्राक्ष में।
10 मुखी रुद्राक्ष, धारण करता की एक ढाल की तरह उसकी रक्षा करता है।
10 मुखी रुद्राक्ष मन को शांति और सुरक्षा प्रदान करता है। तथा कठिनाइयों पर काबू पाने में मदत करता है।
10 मुखी रुद्राक्ष धारण करने वाला सदा अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करता है।
10 मुखी रुद्राक्ष हमारे सौंदर्य और मान सम्मान में वृद्धि करता है
यदि आने वाली समस्या का आपको पहले से आभास हो रहा हो तो ऐसे में तुरंत धारण करे 10 मुखी रुद्राक्ष। आपको तत्काल फायदा होगा।
यदि आपके कुंडली में ग्रह क्रूर हो गए हो तो 10 मुखी रुद्राक्ष उनके प्रभाव को ख़त्म कर देता है।
किस दिन धारण करे दस (10) मुखी रुद्राक्ष ?
10 मुखी रुद्राक्ष को सदा शुभ मुहूर्त में धारण करना उत्तम होता है। जानकारों की मने तो रुद्राक्ष को सदैव शुक्ल पक्ष के किसी भी सोमवार के दिन शिवलिंग एवं रुद्राक्ष का अभिषेक करने के पश्चात् ही धारण करना चाहिए। 10 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से जातक मानसिक रूप से मजबूत बनता है। इसके धारण करने के और भी शुभ दिन है इसके बारे में विस्तार से जानने के लिए यहाँ क्लिक करे।
किस राशि के लोगों को दस (10) मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए ?
वैसे तो जिस जातक के पास कुंडली ना हो तो वह 10 मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकता है। परन्तु मेष, वृश्चिक, कन्या और सिंह राशि के लोग पांचमुखी रुद्राक्ष के साथ 10 मुखी रुद्राक्ष भी धारण कर सकते है। या फिर सिर्फ 10 मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है। अपनी राशि के हिसाब से कौन सा रुद्राक्ष धारण करना चाहिए यह जानने के लिए यहाँ क्लिक करे।
गुरु ग्रह 10 मुखी रुद्राक्ष की विशेषताएं
10 मुखी रुद्राक्ष गुरु ग्रह को मजबूत बनाने के लिए धारण किया जाता है। 10 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से गुरु ग्रह मजबूत हो जाते है और जातक को शुभ फल प्रदान करने सहायक हो जाते है। हमारे नौ ग्रहों में गुरु ग्रह सबसे बड़ा होता है। ऐरावत हाथी सबसे बड़ा जानवर होता है जो की गुरु ग्रह से सम्बन्ध रखता है। भगवान् शिव जो की अंतर्यामी है। उन्हें पता है की मनुष्यों के जीवन में बड़ी से बड़ी परेशानी को ख़त्म करने की ताकत सिर्फ गुरु ग्रह में ही है।
यदि जातक को गुरु ग्रह से सम्बन्धी परेशानी है तो 5 मुखी रुद्राक्ष के साथ 10 मुखी रुद्राक्ष भी धारण करना चाहिए। यदि जातक ऐसा करता है तो उसकी परेशानी बहुत जल्दी समाप्त होजाती है। यदि 5 मुखी और 10 मुखी रुद्राक्ष को एक साथ धारण किया जाए तो उसके सामान फल प्रदान करने वाला दूसरा कोई रुद्राक्ष धरती पर नहीं है। 1 मुखी रुद्राक्ष भी इनके सामने फीका पड़ जाता है। यहाँ मैं आपको बता दू की 1 मुखी रुद्राक्ष होता है सूर्य भगवान का और 5 तथा 10 मुखी रुद्राक्ष होता है सबसे बड़े ग्रह गुरु ग्रह का। 5 और 10 मुखी रुद्राक्ष धारण करने के पश्चात् जातक की धन से सम्बन्धी सारी परेशानिया ख़त्म हो जाती है। पैसा कहाँ से आएगा ये जातक को खुद भी नहीं पता चलेगा। क्योकि गुरु ग्रह का काम ही है जातक को पैसा देना। और जातक को तरक्की देना। तथा जीवन में ज्ञान की प्राप्ति करवाना। जो व्यक्ति ज्ञान प्राप्त करले और उसका मन उसके कंट्रोल में आजाये तो वह सारे काम बड़ी ही आसानी से कर सकता है
दस (10) मुखी रुद्राक्ष किसे नहीं धारण करना चाहिए ?
तामसी भोजन करने वाले, मांस मदिरा का सेवन करने वाले तथा बात-बात में झूठ बोलने वालो को 10 मुखी रुद्राक्ष नहीं धारण करना चाहिए। अगर वे लोग फिर भी 10 मुखी रुद्राक्ष धारण करते है तो उनका गुरु ग्रह ख़राब हो जायेगा और उन नकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे। रुद्राक्ष कितने प्रकार के होते है यह जानने के लिए यहाँ क्लिक करे।
क्या दस (10) मुखी रुद्राक्ष पहनने के बाद कुछ सावधानिया भी बरतनी पड़ती है ?
जी हाँ, आप 10 मुखी रुद्राक्ष धारण करें या कोई और रुद्राक्ष धारण करें। रुद्राक्ष धारण करने के पश्चात् आपको सावधानिया अवश्य बरतनी चाहिए। अगर आपने उन सावधानियों पर ध्यान नहीं दिया तो आपको इसके नकारात्मक परिणाम हमारे जीवन पर बुरा प्रभाव ढलते है। और हमारे जीवन से सकारात्मकता ख़त्म होने लगती है। तथा हम अपने बुरे समय को आमंत्रित करने लग जाते है। अतः रुद्राक्ष धारण करने के पश्चात् कौन-कौन सी सावधानिया बरतनी पड़ती है, इसके बारे में विस्तृत जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें।
दस (10) मुखी रुद्राक्ष के औषधीय गुण ?
10 मुखी रुद्राक्ष के औषधीय गुण, जो जातक को नेत्र सम्बंधित रोग, दमा, गठिया कमजोरी और थकान का आभास होने पर लाभ प्रदान करते है। 10 मुखी रुद्राक्ष का जल औषधीय तुल्य होता है। जिसके इस्तेमाल से जातक कई बिमारियों से मुक्त हो जाता है।
किस बीमारी में काम आता है दस (10) मुखी रुद्राक्ष ?
10 मुखी रुद्राक्ष नेत्र सम्बंधित रोग, दमा, गठिया कमजोरी और थकान अनुभव होने पर जातक को लाभ प्रदान करता है। इन रोगों में 10 मुखी रुद्राक्ष बहुत प्रभावशाली सिद्ध होता है। यदि जातक किसी असाध्य रोग से ग्रसित है तो यह रुद्राक्ष जातक को उस रुग से मुक्ति दिलाने में भी कारगर सिद्ध होता है।
दस (10) मुखी रुद्राक्ष का पानी कैसे बनाये ?
10 मुखी रुद्राक्ष का पानी बनाना बहुत ही आसान है। सबसे पहले आप एक कटोरी में साफ जल ले एवं उसके अंदर 10 मुखी रुद्राक्ष धोकर डाल दें। और उस जल को ढँक कर रात भर के लिए छोड़ दे। सुबह आप उस जल में से वह रुद्राक्ष निकाल ले। रुद्राक्ष का पानी आपके इस्तेमाल के लिए तैयार है। आप उस पानी को अपने काम में ले सकते है। और अपने रोगों से छुटकारा पा सकते है। यदि आप रुद्राक्ष का जल सुबह इस्तेमाल करना चाहते है तो रात में पानी बनायें और शाम को इस्तेमाल करता चाहते है तो सुबह रुद्राक्ष का पानी बनाये।
किस काम में आता है दस (10) मुखी रुद्राक्ष का पानी ?
10 मुखी रुद्राक्ष से दमा, गठिया कमजोरी और थकान में लाभ तो मिलता ही है। यदि जातक इस रुद्राक्ष के जल का इस्तेमाल करे तो उसे शरीर के अन्य रोगों में चमत्कारिक परिणाम देखने को मिलेंगे। इन रोगों में 10 मुखी रुद्राक्ष का जल बहुत प्रभावशाली सिद्ध होता है। यदि जातक किसी असाध्य रोग से ग्रसित है तो भी 10 मुखी रुद्राक्ष का जल जातक को उस रुग से मुक्ति दिलाने में भी कारगर सिद्ध होता है। उपरोक्त रोगों से ग्रसित व्यक्ति यदि 10 मुखी रुद्राक्ष के जल का सेवन करे तो वह आश्चर्यजनक लाभ प्राप्त कर सकता है। रुद्राक्ष के जल से होने वाले फायदों के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करे।
किन लोगो को पहनना चाहिए दस (10) मुखी रुद्राक्ष ?
यदि जातक लिखने से सम्बंधित कार्य करते है, पत्रकारिता से सम्बंधित कार्य करते है तो आपको धस मुखी रुद्राक्ष जरूर धारण करना चाहिए। क्योंकि इस रुद्राक्ष को धारण करने के पश्चात् जातक वाक-पटुता में बहुत निपुण हो जाता है। और अपने लेखन कार्य में बहुत निपुण हो जाता है। और अपने व्यक्तित्व से सभी को प्रभावित करता है। 10 मुखी रुद्राक्ष पर भगवान् विष्णु की कृपा रहती है।
दस (10) मुखी रुद्राक्ष की कीमत क्या है ?
शिवप्रसाद रूपी दस मुखी रुद्राक्ष अनमोल है। फिर भी जन-साधारण जातकों के लिए यह बाजार में लगभग 500/- से लेकर तो 11000/- तक की कीमत में उपलब्ध है। आप अपनी सुविधानुसार ऑनलाइन या ऑफलाइन इसे मंगवा सकते है। और अपने काम में ले सकते है। बस एक बात का ध्यान रहे के रुद्राक्ष असली होना चाहिए।
दस (10) मुखी रुद्राक्ष की पहचान क्या है ?
यह एक ऐसा रुद्राक्ष है जो मार्केट में नकली बहुत ज्यादा मिलता है। कारण है इसके 10 मुख। यह दुर्लभ मनका बहुत ही सिमित मात्रा में उपलब्ध होता है। अतः कई असामाजिक तत्त्व मुनाफा कमाने के लिए पंचमुखी रुद्राक्ष पर आधुनिक मशीनों द्वारा और पांच नकली मुख तैयार कर देते है। जिससे यह दस मुखी हो जाता है। और उसे बाजार में ऊँचे दामों पर बेच देते है। और लाभ कमाते है। जबकि यह रुद्राक्ष खंडित हो जाता है जो की किसी काम का नहीं होता। अतः आप जब भी रुद्राक्ष लेने जाये तो बड़ी ही सावधानी से उसे चेक करके ही ले। असली और नकली रुद्राक्ष की पहचान के बारे में विस्तार से जानने के लिए यहाँ क्लिक करे।
क्या दस (10) मुखी रुद्राक्ष को सोने, चाँदी या धागे में धारण कर सकते है ?
यदि आप समर्थवान है तो 10 मुखी रुद्राक्ष को सोने या चाँदी के तार में भी धारण कर सकते है। आप चाहे तो दस मुखी रुद्राक्ष का लाकेट भी पहन सकते है। और यदि आप साधारण परिवार से है तो आप 10 मुखी रुद्राक्ष को लाल या सफ़ेद धागे में भी धारण कर सकते है। और मनचाही सफलता प्राप्त कर सकते है।
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