One Mukhi Rudraksha : एकमुखी रुद्राक्ष की सम्पूर्ण जानकारी : 1 face Rudraksha All information : only4us.in

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!! ॐ नमः शिवाय !!

क्या आपको पता है की एक मुखी रुद्राक्ष जातक को बिमारियों से दूर तो रखता ही है, साथ में धन प्राप्ति के मार्ग दिखता है। और भौतिक सुखों की प्राप्ति भी करवाता है।   

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एक मुखी रुद्राक्ष कालअग्नि से परिपूर्ण होता है। ऐसी मान्यता है की यदि आपने एक मुखी रुद्राक्ष धारण कर लिया तो आपके बुरे से बुरे कर्मो से उबरने का मार्ग दिखाता है। और आपको उस मार्ग पर चलने तथा सृष्टि के कल्याण के लिए आपको सदा प्रेरित करता है। एक मुखी रुद्राक्ष परमशक्ति शिव का प्रतिक है। ऐसा बताया जाता है की एक मुखी रुद्राक्ष परम दुर्लभ होता है। यह आसानी से प्राप्त नहीं होता है। इसे धारण करने से आप शिव तत्व की भूमिका को आसानी से समझ सकते है। और शिवजी का पूर्ण आशीर्वाद प्राप्त कर पाते है। एकमुखी रुद्राक्ष का मिलना ही आपके पुण्य कर्मो को दर्शाता है। और साथ ही आपका भाग्य उदय होने लगता है। एक मुखी रुद्राक्ष मरणतुल्य शरीर में भी प्राण फुक्ने की शक्ति रखता है। और मरणशैया पर पड़े व्यक्ति को भी मोक्ष दिलवा सकता है। जिस जगह एक मुखी रुद्राक्ष का पूजन होता है वहां पर माता लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है। यह रुद्राक्ष अपने साधक का कवच बनकर रक्षा करता है।



एक मुखी रुद्राक्ष कैसे धारण करें ?
एक मुखी रुद्राक्ष का बीज मंत्र क्या है ?
एक मुखी रुद्राक्ष की पूजा कैसे की जाती है ?
एक मुखी रुद्राक्ष पहनने से क्या होता है ?
किस दिन धारण करे एक मुखी रुद्राक्ष ?
किस राशि के लोनों को एक मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए ?
एक मुखी रुद्राक्ष किसे नहीं धारण करना चाहिए ?
क्या एक मुखी रुद्राक्ष पहनने के बाद कुछ सावधानिया भी बरतनी पड़ती है ?
एक मुखी रुद्राक्ष का पानी कैसे बनाये ?
किस काम में आता है एक मुखी रुद्राक्ष का पानी ?
राजनितिक लोग क्यों पहनते है एक मुखी रुद्राक्ष ?
एक मुखी रुद्राक्ष की कीमत क्या है ?


एक मुखी रुद्राक्ष का परिचय या एक मुखी रुद्राक्ष का वर्णन 

हिन्दू धर्म और ग्रंथों में रुद्राक्ष का बहुत ही महत्व है। कहते है की रुद्राक्ष धारण करने से समस्त सुखों की प्राप्ति होती है। तपस्वी पंडित और साधु सदैव रुद्राक्ष को अपने साथ रखते है। क्योंकि एक मुखी रुद्राक्ष सदैव नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करता है। इसीलिए एक आम नागरिक को भी अपनी राशि के अनुसार रुद्राक्ष अवश्य  धारण करना  चाहिए। जिससे की उसके आस-पास की सारी नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो और सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो  सके। एक मुखी रुद्राक्ष याने स्वयं भगवान शिव। और शिव आपके साथ है तो कल का कैसा भय। शास्त्रों के अनुसार धरती पर भगवान शिव के अश्रु गिरने से रुद्राक्ष की उत्पत्ति हुई। जिसमे एक मुखी रुद्राक्ष को अति दुर्लभ एवं शिव स्वरुप माना गया है। एक मुखी रुद्राक्ष अत्यंत प्रभावी है। परन्तु उसके लिए असली एक मुखी रुद्राक्ष होना अत्यंत आवश्यक है। और हाँ एक मुखी रुद्राक्ष में छेद नहीं होता है।  एक मुखी रुद्राक्ष के बीजों में एक प्रकार का स्पंदन होता है। इसी कारण एक मुखी रुद्राक्ष बहुत शक्तिशाली होता है। 



एक मुखी रुद्राक्ष कितने प्रकार का होता है। 
एक मुखी रुद्राक्ष तीन प्रकार का होता है। 
1) एक मुखी नेपाली एकमुखी रुद्राक्ष। यह रुद्राक्ष गोल होता है। 
2) इंडोनेशियन एक मुखी रुद्राक्ष। यह हल्का सा लम्बा होता है। 
3) रामेश्वरम का एक मुखी रुद्राक्ष। यह रुद्राक्ष काजू के आकर का होता है। इसलिए इस रुद्राक्ष को अर्धचन्द्राकार एक मुखी रुद्राक्ष भी कहा जाता है। 
इन तीनो रुद्राक्षों में नेपाल का एक मुखी रुद्राक्ष सबसे अच्छा होता है। यह बहुत बहुमूल्य होता है। 


एक मुखी रुद्राक्ष कैसे धारण करें ?
एक मुखी रुद्राक्ष की पूजा होने के पश्चात् शुक्ल पक्ष के किसी भी सोमवार के दिन एक मुखी रुद्राक्ष को धारण किया जा सकता है। 
शुक्ल पक्ष मतलब अमावस्या के बाद जब चन्द्रमा बढ़ता है। जैसे एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी चतुर्थी, पंचमी आदि। इन तिथियों में चन्द्रमा बढ़ता है। 
इसलिए आपको शुक्लपक्ष के किसी भी सोमवार को ही रुद्राक्ष धारण करना है। 
महाशिवरात्रि या श्रावणमाह में आप रुद्राक्ष धारण कर सकते है। 
रवि पुष्य या गुरु पुष्य में भी आप रुद्राक्ष धारण कर सकते है। 
आप मासिक शिवरात्रि में भी रुद्राक्ष धारण कर सकते है । 
हो सके तो एकमुखी रुद्राक्ष को सदा लाल रंग के धागे में ही धारण करें। 


एक मुखी रुद्राक्ष को सिद्ध कैसे करे ? या एक मुखी रुद्राक्ष की प्राण प्रतिष्ठा कैसे करे ?

साथियों एक मुखी रुद्राक्ष बाजार से लेकर उसे धारण कर लेना ही पर्याप्त नहीं है। उसे सिद्ध करना या प्राण प्रतिष्ठित पर्ण भी भहुत आवश्यक है। जब तक आप एक मुखी रुद्राक्ष को सिद्ध नहीं करते, तब तक वह मात्र एक पौधे का बीज है। उसे ऊर्जावान बनाना अति आवश्यक है। यहाँ हम आप को एक मुखी रुद्राक्ष को सिद्ध करने की साधारण विधि बता रहे है। जिससे आप अपने रुद्राक्ष को सिद्ध कर सकते है, प्राण प्रतिष्ठित कर सकते है, अपने एक मुखी रुद्राक्ष को ऊर्जावान बना सकते है। 

किसी भी शुभ दिन या किसी भी सोमवार को आप इस विधि का इस्तेमाल कर सकते है। सबसे पहले प्रातः कल आप स्नान आदि से निवृत हो कर साफ वस्त्र धारण करे। फिर एक मुखी रुद्राक्ष को गंगाजल से स्नान करवाए। तत्पश्चात उसे कच्चे दूध से धोये, तथा पुनः उस एक मुखी रुद्राक्ष को गंगाजल से शुद्ध कर ले। और अंत में साफ कपडे से उसे पोछ ले। यदि गंगाजल का अभाव हो तो साफ - स्वच्छ जल का इस्तेमाल करें। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान आप अपने मन में "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जप निरंतर करते रहे। 

इसके बाद एक मुखी रुद्राक्ष को पूजा के स्थान में रखकर उस पर सफ़ेद चन्दन लगाए तथा धुप दीप दे कर पुष्प चढ़ाये। तथा बाद महामृत्युंजय मंत्र का पाठ करे और उसे प्रणाम करे। फिर एक मुखी रुद्राक्ष के बीज मंत्र का जप 108 बार करे। एक मुखी रुद्राक्ष के देवता शिव होते है। अतः जाप होने के बाद आप उनसे प्रार्थना कीजिये की हे भोलेनाथ आप इस एक मुखी रुद्राक्ष में निवास कीजिये और इसे अपने प्रभाव से शक्तिशाली बनाइये। मै इसे धारण करके सदैव आपका कृपापात्र बना रहूं। आप सदैव मेरी रक्षा कीजिये और मेरे कार्यों को सफल बनाइये। इस प्रकसर पूजा - पाठ और मंत्र जप से आपका एक मुखी रुद्राक्ष  सिद्ध हो जायेगा, प्राण प्रतिष्ठित हो जायेगा, ऊर्जावान हो जायेगा। यदि आप प्रति दिन एक मुखी रुद्राक्ष के बीज मंत्र का जप करते है तो यह सदैव ऊर्जावान बना रहता है। 


एक मुखी रुद्राक्ष का बीज मंत्र क्या है ?
शिव-महापुराण के अनुसार सभी रुद्राक्ष का एक अपना अलग ही बीज मंत्र होता है जिससे वे सिद्ध होते है। एक मुखी रुद्राक्ष का बीज मन्त्र है  " ॐ ह्रीं नमः "  इस मंत्र के द्वारा एक मुखी रुद्राक्ष को सिद्ध किया जाता है। और प्रति दिन आप इस मंत्र का 108  बार जप करते है तो एक मुखी रुद्राक्ष की शक्ति में गजब का विकास होता है। 


एक मुखी रुद्राक्ष की पूजा कैसे की जाती है ?
वैसे तो एक मुखी रुद्राक्ष की पूजा कई तरह से होती है। तांत्रिक क्रिया के लिए अलग विधि है और जन साधारण मनुष्यों के लिए अलग विधि है।  यहाँ मै आपको जन साधारण विधि बता रहा हु। जिससे कोई भी अपनी राशि के हिसाब से रुद्राक्ष लेकर उनकी पूजा कर सकता है। और उनका लाभ ले सकता है। रुद्राक्ष की पूजा, सिद्धि और प्राणप्रतिष्ठा के बारे में जानने के लिए लिंक पर क्लिक करें। 

सिद्ध रुद्राक्ष को प्रति दिन शुद्ध जल से स्नान आदि करवाकर रोज धुप दीप दिखाए। तथा उसके बीज मंत्र को एक माला रोज जापे। उसके पश्चात् ही रुद्राक्ष धारण करे। और शाम को सोने से पहले रुद्राक्ष को निकल कर लाल कपडे में लपेट कर पूजा स्थान पर रख दें। यही कार्य आपको प्रति दिन करना है। 


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एक मुखी रुद्राक्ष पहनने से क्या होता है ?
जो भी मनुष्य एक मुखी रुद्राक्ष धारण करता है भगवान भोले नाथ उस मनुष्य को सूर्य देव की वक्र दृस्टि से बचाते है। एक मुखी रुद्राक्ष आपकी कुंडली में सूर्य गृह को मजबूत करता है। और सूर्य ग्रह ही लीडर शिप क्वालिटी को बढ़ाता है। व्यापर करने वाले लोगों के लिए एक मुखी रुद्राक्ष सबसे उत्तम है। जो लोग एक मुखी रुद्राक्ष धारण करते है।  माँ लक्ष्मी की कृपा उन पर सदैव बनी रहती है। 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जन्मकुंडली में यदि सूर्य प्रतिकूल स्थिति में हो और जातक को कष्ट दे रहा हो तो एक मुखी रुद्राक्ष धारण किया जा सकता है। 

जन्मकुंडली में सूर्यदेव यदि नीच राशि तुला में हों, शनि की राशि में हों, मारक भाव में बैठे हों और शनिदेव की दृष्टि से प्रभावित हो तो ऐसे समय एक मुखी रुद्राक्ष धारण करना जातक के लिए अति शुभ होता है। 
यदि जातक के पिता बीमार रहते हो, या पिता से हरदम मतभेद रहता हो तो भी एक मुखी रुद्राक्ष धारण किया जा सकता है। 

सूर्यदेव यदि बारहवे भाव में बैठे हो और विवाह विच्छेद करवा रहे हों तो भी एक मुखी रुद्राक्ष धारण किया जा सकता है।

सूर्य की किरणों से हमें जो विटामिन प्राप्त होते है, एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने के पश्चात् उन विटामिन में भी संतुलन बना रहता है। जैसे विटामिन A  और बी 


किस दिन धारण करे एक मुखी रुद्राक्ष ?
एक मुखी रुद्राक्ष साक्षात् शिव स्वरुप होता है। इसको धारण करने के लिए कुछ खास दिन होते है। अगर उन शुभ मुहूर्त में इसे धारण करे तो इसके चमत्कारिक लाभ मिलते है।  चलिए जानते है। 

१) एक मुखी रुद्राक्ष को धारण करने का सबसे बढ़िया दिन है महाशिवरात्रि।  महाशिवरात्रि के दिन इसे धारण करना उत्तम होता है। 
२) आप श्रवणमास में किसी भी दिन एक मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है। यह पावन महीना शिवजी को अति प्रिय है। 
३) आप किसी भी शुभ मुहूर्त पर एक मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है। जैसे अक्षय तृतीया, गुरुपुष्य नक्षत्र, रविपुष्य नक्षत्र, आदि। 
४) आप शुक्ल पक्ष के किसी भी सोमवार को एक मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है। 
५) हर महीने में जो मासिक शिवरात्रि आती है। आप उस शिवरात्रि को भी रुद्राक्ष धारण कर सकते है। 
६) फिर भी आपके मन में यदि शंका हो तो आप किसी भी विद्वान पंडित से शुभ मुहूर्त निकलवाकर एक मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है।   


किस राशि के लोनों को एक मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए ?
एकमुखी रुद्राक्ष मेष राशि, सिंह राशि और धनु राशि के लोगों के लिए बहुत शुभ एवं अनुकूल होते है। इस राशि के जातक यदि एक मुखी रुद्राक्ष धारण करे तो उत्तम है। मेष राशिवालों के लिए एक मुखी रुद्राक्ष बहुत शुभ होता है। क्योंकि मेष राशि में सूर्य उच्चय के होते है। सूर्य देव के अधिपत्य होने के कारण सिंह राशि वालों के लिए भी एक मुखी रुद्राक्ष धारण करना बहुत शुभ होता है। जिनका जन्म कृतिका नक्षत्र, उत्तरा फाल्गुनी और उत्तराषाणा नक्षत्र होता है उनके लिए भी एकमुखी रुद्राक्ष धारण करना बहुत शुभ होता है। क्योंकि क्यों की यह तीनो नक्षत्र सूर्य के अधिपत्य में आते है।  

राशि के अनुसार रुद्राक्ष इसके बारे में अधिक जानने के लिए क्लिक करे। 


एक मुखी रुद्राक्ष किसे नहीं धारण करना चाहिए ?
वैसे तो आप सभी को अपनी जनम पत्रिका दिखा कर ही रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। परन्तु शास्त्रों के अनुसार  बच्चों को एक मुखी रुद्राक्ष नहीं धारण करना चाहिए। जो गर्भवती महिलाएं होती है उन्हें एक मुखी रुद्राक्ष नहीं धारण करना चाहिए। इन लोगों के लिए एक मुखी रुद्राक्ष वर्जित  है।  



क्या एक मुखी रुद्राक्ष पहनने के बाद कुछ सावधानिया भी बरतनी पड़ती है ?
दोस्तों रुद्राक्ष कोई भी हो, यदि आपने रुद्राक्ष धारण किया है तो आपको यह सावधानिया बरतनी ही पड़ेगी। यदि आपने यह सावधानिया नहीं बरती तो इसके परिणाम बहुत ही नकारात्मक होंगे। तो चलिए आपको बताते है की कौन सी सावधानिया है। 
दोस्तों रुद्राक्ष पहन कर कभी भी सोना नहीं चाहिए। याने रुद्राक्ष पहन कर आप बिस्तर पर नहीं जा सकते इससे यह अशुद्ध हो जाता है। 
रुद्राक्ष पहन कर आप मांस मदिरा का सेवन नहीं कर सकते। यदि मांस मदिरा का सेवन आपके घर में चलता ही है तो आप रुद्राक्ष को उतार कर उनका सेवन करे। 
यदि आप किसी की अंतिम यात्रा पर जा रहे है तो कृपया रुद्राक्ष को उतार कर जाएँ। नहीं तो रुद्राक्ष अशुद्ध हो जायेगा। 
यदि आप किसी प्रसूति गृह में जा रहे है, तो रुद्राक्ष को उतार कर जाये। अर्थात किसी घर में सूतक लगा है तो वहां पर रुद्राक्ष पहन कर न जाएँ। 
यदि आपने रुद्राक्ष धारण किया हुआ है, तो कृपया झूठ न बोले। क्योंकि झूठ बोलने से आपको नकारात्मक परिणाम मिलेंगे। 


एक मुखी रुद्राक्ष का पानी कैसे बनाये ?
साथियों एक मुखी रुद्राक्ष का पानी बनाना बहुत ही आसान है। रात को सोते समय एक गिलास पानी में रुद्राक्ष को डाल दीजिये। और प्रातः काल उठकर उस पानी  से रुद्राक्ष निकाल लीजिये। बस रुद्राक्ष का पानी तैयार है। आप इसे अपने काम में ले सकते है। 

किस काम में आता है एक मुखी रुद्राक्ष का पानी ?
रुद्राक्ष का पानी पिने से फेफड़े नहीं फूलेंगे। आपको स्वास लेने में दिक्कत नहीं होगी। सीढिया चढ़ते समय कोई तकलीफ नहीं होगी। ह्रदय को अंत समय तक कोई भी तकलीफ नहीं होगी। कुछ लोगों का तो यहाँ तक मानना है की रुद्राक्ष का पानी पीने से सफ़ेद दाग तक चले जाते है। 

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राजनितिक लोग क्यों पहनते है एक मुखी रुद्राक्ष ?
सीधी सी बात है दोस्तों, जब साक्षात् शिव स्वरुप एकमुखी रुद्राक्ष के इतने चमत्कारिक परिणाम है तो राजनितिक लोग भला इससे दूर क्यों रह सकते है। एक मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से मान सम्मान और प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है। कार्य में सफलता मिलती है। धन दौलत में बढ़ोत्तरी होती है। एकमुखी रुद्राक्ष को धारण करने से राजयोग, समृद्धि और राजस्व में वृद्धि होती है। इसको धारण करने से एक विशेष लाभ यह है की जो भी एक मुखी रुद्राक्ष धारण करता है उसकी नेतृत्व क्षमता में गजब का विकास होता है। उसकी लीडर शिप क्वालिटी बढ़ जाती है।  एक मुखी रुद्राक्ष सारे रुद्राक्षों में सबसे विशेष और महत्वपूर्ण माना गया है। इसलिए राजनीतिज्ञ लोग एक मुखी रुद्राक्ष को सोने में धारण करते है।  


एक मुखी रुद्राक्ष की कीमत क्या है ?
वैसे तो एकमुखी रुद्राक्ष अनमोल है। फिर भी जन साधारण मनुष्यों के लिए यह बाजार में लगभग 2500 से लेकर तो 350000 तक की कीमत में उपलब्ध है। आप अपनी सुविधानुसार ऑनलाइन या ऑफलाइन इसे मंगवा सकते है। और अपने काम में ले सकते है। बस एक बात का ध्यान रहे के रुद्राक्ष लैब टेस्ट एवं सर्टिफाइड हो। 

रुद्राक्षों के प्रकार और उनके नाम जानने के लिए यहाँ क्लिक करे।


दोस्तों, रुद्राक्ष से सम्बंधित और जानकारियों के साथ मै बहुत जल्द ही आप के सामने रूबरू होऊंगा। इसी वादे के साथ आप से विदा लेता हु। और हाँ आपको यदि कुछ पूछना है या जानना है तो कमेंट में जरूर कहे। आपके सवालो का इंतजार रहेगा। 

धन्यवाद् !

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