रुद्राक्ष के फल से रुद्राक्ष निकलने की विधि क्या है ?
एक मुखी रुद्राक्ष के फायदे क्या है ?
एक मुखी रुद्राक्ष की पहचान क्या है ?
एक मुखी रुद्राक्ष के औषधीय गुण कौन से है ?
क्या एक मुखी रुद्राक्ष पहनने से नुकसान भी होता है ?
क्या होता है एक मुखी रुद्राक्ष ?
कहा मिलता है एक मुखी रुद्राक्ष ?
इन्द्राणी माला किसे कहते है ?
एक मुखी रुद्राक्ष को कैसे पहचाने ?
क्या एक मुखी रुद्राक्ष को सोने या चांदी में धारण कर सकते है ?
किस बीमारी में एकमुखी रुद्राक्ष काम आता है ?
किसे पहनना चाहिए, एक मुखी रुद्राक्ष ?
जन साधारण जिज्ञासाएं (General public inquiries)
रुद्राक्ष के फल से रुद्राक्ष निकलने की विधि क्या है ?
रुद्राक्ष फल से रुद्राक्ष निकलने के लिए उस फल को कम से कम 4 - 5 घंटे उस फल को पानी में डूबा कर रखना चाहिए। उसके पश्चात् उस फल को हाथों से छील कर उसमे से रुद्राक्ष निकल ले। दोस्तों एक बात ध्यान रखना आपको उस फल के अंदर एक मुखी से लेकर 27 मुखी तक रुद्राक्ष प्राप्त हो सकते है।
एक मुखी रुद्राक्ष के फायदे क्या है ?
एक मुखी रुद्राक्ष के बहुत से फायदे है। यह तनाव को ख़त्म करता है। नकारात्मक ऊर्जा को हमारे पास आने नहीं देता है। निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि करता है। एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने के बाद आप अपने मन को काबू में रख सकते है। रुद्राक्ष आपके मन को शांत रखता है। आपके चित्त को शांत रखता है। यह आपके मन को सकारात्मक बनाता है। एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने से मनुष्य अपनी इन्द्रियों को आपने वश में करने लगता है। यदि किसी इंसान के हाथों से बुरे कर्म हो जाते है या कोई पाप हो जाता है। तो ऐसे समय में एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने से बुरे कर्मो से छुटकारा मिल जाता है। तथा पापों से मुक्ति मिल जाती है। ऐसा शास्त्रों में लिखा गया है। एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने के बाद आप के ऊपर किसी भी जादू टोने का असर नहीं होता है।
कॉम्पिटेटिव एग्जाम के लिए स्टूडेंट इस रुद्राक्ष को धारण कर सकते है। एक मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से एकाग्रता बढ़ती है। और बुद्धि का विकास होता है। इसे धारण करने से जीवन के सारे ऐशो आराम मिलते है। और सबसे बड़ी बात की आप उन साधनो के मोह जल में भी नहीं फसेंगे।
एक मुखी रुद्राक्ष की पहचान क्या है ?
जिस प्रकार सभी मनुष्यों की हाथ की रेखाएं अलग अलग होती है। उसी प्रकार सारे रुद्राक्ष भी अलग अलग होते है। यदि आपको कुछ रुद्राक्ष एक जैसे दिखाई दे तो उस समय शंका होना स्वाभाविक है। ऐसे समय में आपको रुद्राक्ष को गौर से देखना होगा। क्योकि हर रुद्राक्ष का दाना अलग अलग होता है एक जैसा नहीं होता। उस समय आप अपनी बुद्धि और विवेक का इस्तेमाल करके असली और नकली में फर्क महसूस कर सकते है। फिर भी आपको रुद्राक्ष पहचानने में कोई दिक्कत हो रही हो तो आप लैब टेस्टिंग रुद्राक्ष मँगवाले। आप उसपे भरोसा कर सकते है।
एक मुखी रुद्राक्ष के औषधीय गुण कौन से है ?
साथियों एक मुखी रुद्राक्ष के कुछ औषधीय गुण भी है। यदि आप अपना इलाज करवा रहे है तो ऐसे में एक मुखी रुद्राक्ष धारण कर ले तो आपको बहुत जल्द ही लाभ प्राप्त होगा। चलिए जानते है की कौन सी बीमारी में एक मुखी रुद्राक्ष काम आता है।
१) एक मुखी रुद्राक्ष सुचारु रक्त प्रवाह के लिए सबसे उत्तम है।
२) ब्लड प्रेशर की बीमारी में भी एक मुखी रुद्राक्ष बहुत काम आता है।
३) ह्रदय रोग से सम्बंधित बिमारियों में एक मुखी रुद्राक्ष बहुत कारगर साबित होता है।
४) हड्डियों की किसी को बीमारी है तो उसमे भी एक मुखी रुद्राक्ष बहुत काम आता है
यदि आप उपरोक्त बिमारियों का इलाज करवा रहे है तो एक मुखी रुद्राक्ष धारण कर ले आप को आश्चर्यजनक लाभ प्राप्त होंगे।
क्या एक मुखी रुद्राक्ष पहनने से नुकसान भी होता है ?
दोस्तों एक मुखी रुद्राक्ष बहुत शक्ति शाली होता है। इसलिए हर मनुष्य को अपनी राशि के अनुसार रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। जिस प्रकार हर आदमी के कई चेहरे होते है, और वह बिना सोचे समझे एक मुखी रुद्राक्ष पहनता है तो वह मुसीबत को बुलाता है। लोग कहते है की जब आप बिना सोचे समझे एक मुखी रुद्राक्ष धारण करते है तो आप 12 दिन के अंदर अपना परिवार छोड़ देंगे। आप अपना परिवार छोड़ते है या नहीं ये तो बाद का विषय है। बात बस इतनी है की बिना सोचे समझे धारण किया हुआ रुद्राक्ष आपके आस पास की ऊर्जाओं को ऐसा बना देता है, जिससे की आप अकेले होना चाहेंगे। आप दूसरे लोगों के साथ मिलनसार नहीं होंगे। इसलिए आप जब ही रुद्राक्ष धारण करे, किसी जानकर व्यक्ति से परामर्श लेकर ही रुद्राक्ष धारण करे। वरना परिणाम शुभ नहीं होंगे। केवल पांच मुखी रुद्राक्ष ही एक ऐसा रुद्राक्ष है जिसे कोई भी मनुष्य, स्त्री या बच्चा धारण कर सकता है।
क्या होता है एक मुखी रुद्राक्ष ?
जब शिवजी तपस्या में लीन थे, तब उनकी आँखों से कुछ अश्रु की बुँदे जमीन पर गिरी थी। जिससे रुद्राक्ष के पेड़ उत्पन्न हुए। उस पेड़ के फल की गुठली है रुद्राक्ष। पुराणों के अनुसार एक मुखी रुद्राक्ष साक्षात शिव स्वरुप माना गया है। रुद्राक्ष, शिवजी का प्रतिरूप एवं उनका प्रिय आभूषण है। एक मुखी रुद्राक्ष से धन में वृद्धि होती है। कार्य की सिद्धि के लिए होता है एक मुखी रुद्राक्ष। भिखारी से भिखारी मनुष्य भी यदि एक मुखी रुद्राक्ष धारण कर ले या उसके घर में एक मुखी रुद्राक्ष प्रवेश कर जाये। तो उस व्यक्ति को वह रुद्राक्ष सांसारिक सुखों का अनुभव करा देता है। अर्थात उसके घर में साक्षात् लक्ष्मी का वास होने लगता है। उसकी दरिद्रता दूर होने लगती है। उसके घर में वैभव का आगमन शुरू हो जाता है। ऐसे कई चमत्कारिक प्रभाव है एक मुखी रुद्राक्ष के।
कहा मिलता है एक मुखी रुद्राक्ष ?
कहा मिलता है ? यह बड़ा ही साधारण सा सवाल है। लेकिन इसका जवाब 3 देशो में है। नेपाल, भारत और इंडोनेशिया। जी हाँ आपने सही पढ़ा। इन तीनो जगह में से सबसे बढ़िया रुद्राक्ष नेपाल का होता है। क्योंकि वह एनर्जी से भरा होता है। उसके छेद एक दम क्लियर होते है। उसकी लाइन बहुत गहरी होती है। इसका रंग गहरा होता है। और इसकी कीमत भी बहुत ज्यादा होती है। नेपाली रुद्राक्ष की एक बहुत बड़ी यह खासियत है की, आप कितने भी मुख का रुद्राक्ष लें वह आपको गोल ही मिलेगा।
अब बात करते है इंडोनेशिया के रुद्राक्ष की। तो यह नेपाल के रुद्राक्ष की तुलना में काफी सस्ता होता है। इंडोनेशिया के रुद्राक्ष में जो लाइने होती है वो धागे की तरह महीन होती है। जो इंडोनेशिया के रुद्राक्ष की पहचान है। और ये रंग में भूरे होते है।
अब बारी आती है भारत के रुद्राक्ष की। तो आपको बता दू की जो रुद्राक्ष भारत में मिलते है उनके रंग में थोड़ा काला पन रहता है। एक बात और इंडिया के रुद्राक्षों में छेद नहीं होता है। उसमे छेद बनाया जाता है।
इन्द्राणी माला किसे कहते है ?
Ans.:- जिस माला में एक मुखी से चौदह मुखी तक के रुद्राक्षों का समावेश होता है, उस माला को इन्द्राणी माला कहते है। यह माला बाजार में पचास हजार से लेकर डेढ़ लाख तक मिलती है।
एक मुखी रुद्राक्ष को कैसे पहचाने ?
दोस्तों महाशिवरात्रि और श्रावणमास में जब कोई भक्त भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना करता है। तो उस समय उसके मन में रुद्राक्ष धारण करने की तीव्र इच्छा जागृत होती है। और वह धारण भी करता है। लेकिन उसके मन में एक डर उत्पन्न हो जाता है की मै जो रुद्राक्ष धारण कर रहा हु कही वो नकली तो नहीं। और यही डर उस इंसान को जिंदगी भर रुद्राक्ष धारण नहीं करने देता है। मित्रों आपके इसी डर को मै दूर करने की कोशिश कर रहा हु।
दोस्तों एक मुखी रुद्राक्ष की पहचान बहुत ही सरल है। असली रुद्राक्ष और नकली रुद्राक्ष आपको देखने से ही समझ आ जायेगा। असली रुद्राक्ष की जो धारिया होती है, जिन्हे हम मुख कहते है। वो आपको एक दम सटीक दिखाई देंगी। उसके उभार आपको एक दम साफ सुथरे दिखाई देंगे। उसकी हर बनावट आप को सोचने पर मजबूर कर देगी। उसके रेशे,उसकी धारियां, उसके मुख आप को एक दम सटीक दिखाई देंगे। जो की असली होने की निशानी है।
और सबसे बड़ी पहचान यह है की आप रुद्राक्ष को पानी में डालोगे तो वह डूब जायेगा। और यही इसकी सबसे बड़ी पहचान है। कुछ लोगों का कहना है की कुछ नकली रुद्राक्ष जो सीसम की लकड़ी से बनते है वो भी डूब जाते है। पर आपको उसपर ध्यान नहीं देना है। क्योंकि जो रुद्राक्ष प्रकृति द्वारा निर्मित है और जो रुद्राक्ष मानव निर्मित है दोनों की बनावट में जमीन आसमान का फर्क आपको साफ - साफ दिखाई देगा।
दोस्तों जब आप असली रुद्राक्ष को तेल या घी में डालोगे तो उसका रंग और गहरा होता जायेगा। उसके अंदर आपको एक अलग ही एहसास होगा उसके जो मुख है वो भी एक दम गहरे और साफ साफ दिखाई देंगे। आपको एक अलग ही आभा महसूस होगी। और वह रुद्राक्ष निखरता जायेगा। फिर भी आपको रुद्राक्ष पहचानने में कोई दिक्कत हो रही हो तो आप लैब टेस्टिंग रुद्राक्ष मँगवाले। आप उसपे भरोसा कर सकते है।
क्या एक मुखी रुद्राक्ष को सोने या चांदी में धारण कर सकते है ?
एक मुखी रुद्राक्ष भगवान शिव का, मनुष्यों को दिया हुआ वरदान है जो आशीर्वाद स्वरुप हमारे साथ रहता है। एक मुखी रुद्राक्ष को आप अपने बजट के अनुसार चांदी में या सोने में धारण कर सकते है। आप चाहे तो चांदी के तार या सोने के तार में भी एक मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है। वैसे एक मुखी रुद्राक्ष को सोने में धारण करना सबसे उत्तम होता है।
क्या एक मुखी रुद्राक्ष बीमारी में काम आता है ? या किस बीमारी में एकमुखी रुद्राक्ष काम आता है ?
जी हाँ दोस्तों, आपने सही पढ़ा। एक मुखी रुद्राक्ष कई बीमारियों में काम आता है। आज कल डाक्टर भी रुद्राक्ष धारण करने की सलाह देते है। एक मुखी रुद्राक्ष आपकी शरीर में मौजूद इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत करता है। रोग और संक्रमण को शरीर में प्रवेश नहीं करने देता है।
हड्डियों की कैसी भी बीमारी हो एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने के बाद आपको कुछ ही दिनों में आराम मिलने लगता है।
दिल से सम्बंधित बीमारिया जैसे हाई ब्लड प्रेशर या लो ब्लड प्रेशर में बहुत आराम मिलता है। आँखों के रोगों में भी बहुत फ़ायदा मिलता है। शायद कुछ ही समय में चश्मा उतर भी सकता है। रुद्राक्ष धारण करने से कानो के रोग भी ठीक होते है।
एक मुखी रुद्राक्ष को किस रंग के धागे में पहनना चाहिए ?
एक मुखी रुद्राक्ष जो की साक्षात् शिव स्वरुप माना जाता है, आप इसे सफ़ेद धागे या में पिरोकर धारण कर सकते है। या लाल धागे में पिरोकर धारण कर सकते है।
किसे पहनना चाहिए, एक मुखी रुद्राक्ष ?
जिस मनुष्य के जन्म का मूलांक या भाग्यांक 1 (एक) है वह लोग एक मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है। जिस मनुष्य की कुंडली में सूर्य गृह कमजोर हो या अस्त हो तो उसे एक मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। इसके अलावा यदि कुंडली में किसी ग्रह की क्रूर दशा या अंतरदशा चल रहो हो तो भी उस मनुष्य को एक मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने से इनके नकारात्मक प्रभाव दूर हो जाते है।
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