नमस्कार दोस्तों,
मै only4us.in की तरफ से आप सब लोगों का स्वागत करते हुए आज चारमुखी रुद्राक्ष की जानकारी ले कर आया हूँ। उम्मीद है इससे आपके ज्ञान में वृद्धि होगी और आप लोग चारमुखी रुद्राक्ष का लाभ अवश्य उठाएंगे।
चारमुखी रुद्राक्ष साक्षात् ब्रम्हदेव एवं माता सरस्वती का स्वरुप माना जाता है। इसे धारण करने वाला चारों दिशाओं में ख्याति प्राप्त करता है। चारमुखी रुद्राक्ष सभी ज्ञान का प्रतिक माना जाता है। चारमुखी रुद्राक्ष को चतुर्वेदों का प्रतिक भी माना जाता है। ऐसी मान्यता है की इस रुद्राक्ष को धारण करने वाला ज्ञान प्राप्ति की तरफ आकर्षित होने लगता है। चारमुखी रुद्राक्ष धारण करने से नेत्र विकार दूर होते है। चहरे पर तेज और वाणी में मधुरता आती है। जिन बच्चों का पढाई में मन नहीं लगता है या पढ़ते समय उनकी एकाग्रता भंग हो जाती है। तथा पढ़ने के पश्चात भी सब कुछ भूल जाते है। या फिर जिस किसी को भी वाणी दोष हो तो ऐसे लोगों को चारमुखी रुद्राक्ष अवश्य धारण करवाना चाहिए।
चार मुखी रुद्राक्ष कैसे धारण करें ?
चार मुखी रुद्राक्ष को सिद्ध कैसे करे ? या चार मुखी रुद्राक्ष की प्राण प्रतिष्ठा कैसे करे ?
चार मुखी रुद्राक्ष का बीज मंत्र क्या है ?
चार मुखी रुद्राक्ष की पूजा कैसे की जाती है ?
चार मुखी रुद्राक्ष पहनने से क्या होता है ?
चार मुखी रुद्राक्ष के फायदे ?
किस दिन धारण करे चार मुखी रुद्राक्ष ?
किस राशि के लोगों को चार मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए ?
चार मुखी रुद्राक्ष किसे नहीं धारण करना चाहिए ?
क्या चारमुखी रुद्राक्ष पहनने के बाद कुछ सावधानिया भी बरतनी पड़ती है ?
चार मुखी रुद्राक्ष का विशेष गुण ?
किस बीमारी में काम आता है चार मुखी रुद्राक्ष ?
चार मुखी रुद्राक्ष का पानी कैसे बनाये ?
किस काम में आता है चार मुखी रुद्राक्ष का पानी ?
किन लोगो को पहनना चाहिए चार मुखी रुद्राक्ष ?
चारमुखी रुद्राक्ष की कीमत क्या है ?
चार मुखी रुद्राक्ष की पहचान क्या है ?
क्या चार मुखी रुद्राक्ष को सोने, चाँदी या धागे में धारण कर सकते है ?
चार मुखी रुद्राक्ष कैसे धारण करें ?
चारमुखी रुद्राक्ष को प्राण प्रतिष्ठित करने के पश्चात शिवलिंग को स्पर्श करवाकर, तथा इसके बीज मंत्र का 108 बार पाठ कर के ॐ नमः शिवाय मंत्र का जप करने के पश्चात् ही धारण करना चाहिए। रुद्राक्ष धारण करने के पश्चात् कुछ नियम होते है कुछ सावधानिया होती है जिनका पालन करना अति आवश्यक होता है। रुद्राक्ष धारण करने के पश्चात क्या करे क्या ना करे इसके बारे में विस्तृत जानकरी के लिए यहाँ क्लिक करें।
चार मुखी रुद्राक्ष को सिद्ध कैसे करे ? या चार मुखी रुद्राक्ष की प्राण प्रतिष्ठा कैसे करे ?
चारमुखी रुद्राक्ष आपको कहीं से भी प्राप्त हो आपको इसे सिद्ध एवं प्राण प्रतिष्ठित करना आवश्यक है। बिना सिद्ध किया हुआ रुद्राक्ष सिर्फ एक आभूषण की तरह होता है। चारमुखी रुद्राक्ष की प्राणप्रतिष्ठा एवं सिद्ध करने के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
चार मुखी रुद्राक्ष का बीज मंत्र क्या है ?
चारमुखी रुद्राक्ष का बीज मंत्र ।। ॐ ह्रीं नमः।। है चारमुखी रुद्राक्ष को प्राण प्रतिष्ठित करते समय या सिद्ध करते समय इस बीज मंत्र का उपयोग करते है। रुद्राक्ष को प्राण प्रतिष्ठित या सिद्ध कैसे करे इस बारे में विस्तृत जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करे।
चार मुखी रुद्राक्ष की पूजा कैसे की जाती है ?
जैसा की आप सभी को पता है की रुद्राक्ष हमें भगवान शिवजी से आशीर्वाद स्वरुप प्राप्त हुआ है। इसको प्राण प्रतिष्ठित करने के बारे में तो आप ने ऊपर पढ़ लिया। लेकिन प्रतिदिन इसकी पूजा हमें करना चाहिए। रात को सोने से पहले आप चारमुखी रुद्राक्ष को अपने शरीर से उतार कर रख दे। सुबह इसे साफ पानी से स्नान करवाकर पूजा में रख दें। आप अपनी दैनिक पूजा समाप्त करके चारमुखी रुद्राक्ष के बीज मंत्र का जप करते हुए धारण करें।
चार मुखी रुद्राक्ष पहनने से क्या होता है ?
चारमुखी रुद्राक्ष का अधिपति बुद्ध गृह है। जिसे युवराज ग्रह माना जाता है। बुद्ध गृह तेजी से सफलता दिलाने के लिए जाने जाते है। चारमुखी रुद्राक्ष धारण करने से बुद्धि का विकास तो होता ही है साथ में जातक भी तेजी से सफलता प्राप्त करता है। चारमुखी रुद्राक्ष बुद्ध और गुरु के कारक तत्व में वृद्धि करता है। तथा बुद्ध और गुरु के नकारात्मक प्रभाव को ख़त्म करता है। जन्मकुंडली में यदि बुद्ध ख़राब घर में हो तो हमें चारमुखी रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए। इससे हमें सकारात्मक परिणाम देखने को मिलते है।
चार मुखी रुद्राक्ष के फायदे ?
चलिए जानते है की चारमुखी रुद्राक्ष धारण करने के क्या फायदे है :-
अपने वर्तमान को बेहतर बनाने के लिए चार मुखी रुद्राक्ष धारण किया जाता है।
जो लोग विद्या अध्ययन कर रहे है उनके ऊपर सरस्वती माता की कृपा सदैव बनी रहती है।
चारमुखी रुद्राक्ष हमारी इन्द्रियों को जगाने में मददगार होता है।
चारमुखी रुद्राक्ष हमारे जीने के उद्देश्य से हमारा परिचय करवाता है।
चारमुखी रुद्राक्ष पहनने से बोलने की कला में वृद्धि होती है।
चारमुखी रुद्राक्ष धारण करने से स्मरण शक्ति बढ़ती है।
चारमुखी रुद्राक्ष धारण करने से व्यापर की बारीकियों को समझने में मदत मिलती है।
चारमुखी रुद्राक्ष धारण करने से गणित से सम्बंधित कार्य करने में मदत होती है।
चारमुखी रुद्राक्ष धारण करने से अकाउंट का कार्य बड़ी बुद्धि के साथ हो जाता है।
चारमुखी रुद्राक्ष धारण करने से मार्केटिंग के कार्य में बहुत जल्द ही सफलता प्राप्त होती है।
चारमुखी रुद्राक्ष धारण करने से कला के क्षेत्र में सफलता मिलती है।
अगर आप आर्टिकल (लेख) लिखते है या कवि है, कविताये लिखते है तो आपके लिए चारमुखी रुद्राक्ष बहुत ही उपयोगी साबित होता है।
जो लोग बात करते करते अटक जाते है तो ऐसे लोगों को चारमुखी रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए। इससे उन्हें बहुत लाभ प्राप्त होगा।
जो लोग पढाई कर रहे है या जो लोग विद्द्या अध्ययन कर रहे है। उन्हें चारमुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।
बृहस्पति गृह के कारक होने के कारण धन से संभंधित, ऐश्वर्य एवं समृद्धि तथा संतान से सम्बंधित तत्वों में वृद्धि होती है।
अतः चारमुखी रुद्राक्ष ब्रम्हदेव एवं माता स्वरस्वती से सम्बंधित है इस लिए इसे धारण करने से उपरोक्त सभी कार्य में सिद्धि एवं वृद्धि होती है।
किस दिन धारण करे चार मुखी रुद्राक्ष ?
चारमुखी रुद्राक्ष को सिद्ध करने के पश्चात् किसी भी शुक्लपक्षीय सोमवार को शिवलिंग को स्पर्श करवाकर धारण कर सकते है। रुद्राक्ष को सिद्ध कैसे करे ? यह जानने के लिए यहाँ क्लिक करे।
किस राशि के लोगों को चार मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए ?
जिनका जन्म लग्न या जन्म राशि मिथुन एवं कन्या हो वह लोग चारमुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है। और उपरोक्त लाभ ले सकते है।
चार मुखी रुद्राक्ष किसे नहीं धारण करना चाहिए ?
जो लो मांस मदिरा का सेवन करते है। बात-बात में झूठ बोलते है। ऐसे लोगों को चारमुखी रुद्राक्ष से दूर रहना चाहिए। इन्हे चारमुखी रुद्राक्ष नहीं धारण करना चाहिए। यदि फिर भी ये लोग चारमुखी रुद्राक्ष धारण करते है तो उन्हें इसके नकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे।
क्या चारमुखी रुद्राक्ष पहनने के बाद कुछ सावधानिया भी बरतनी पड़ती है ?
जी हाँ, चारमुखी रुद्राक्ष धारण करने के बाद हमें कुछ सावधानियां बरतनी पड़ती है। अगर हमने उन बातों पर ध्यान नहीं दिया तो हमें इस रुद्राक्ष के नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलते है। अतः चारमुखी रुद्राक्ष धारण करने के पूर्व हमें इन सावधानियों को जानना अति आवश्यक है। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें।
चार मुखी रुद्राक्ष का विशेष गुण ?
आपकी कोई वास्तु खो गयी हो तो आप एक कटोरी चावल के ऊपर चारमुखी रुद्राक्ष को रख कर अपने घर के केंद्र बिंदु में रख दीजिये। यदि वह कटोरी दो रातो तक रह जाये तो तीसरे दिन आप को वह खोई हुई वस्तु आपके ही घर में कही ना कही प्राप्त हो जाएगी। नहीं तो आपको यह मालूम हो जायेगा की वह कहाँ है। इतना प्रभावशाली है चारमुखी रुद्राक्ष।
किस बीमारी में काम आता है चार मुखी रुद्राक्ष ?
चारमुखी रुद्राक्ष मानसिक रोग, नासिका रोग, पक्षाघात, और श्वास नलिका से सम्बंधित रोगों में बहुत लाभदायी सभीत होता है। अतः ऐसे लोगों को भी चारमुखी रुद्राक्ष धारण करने की सलाह दी जाती है।
चार मुखी रुद्राक्ष का पानी कैसे बनाये ?
किसी भी रुद्राक्ष का पानी कैसे बनाये इसके बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करे। और इसका लाभ उठाये।
किस काम में आता है चार मुखी रुद्राक्ष का पानी ?
लम्बी आयु एवं बेहतर स्वस्थ्य के लिए चारमुखी रुद्राक्ष के पानी का इस्तेमाल किया जाता है रुद्राक्ष पानी में डूबता क्यों है इसमें कौन से खनिज मौजूद है इसके बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करे।
किन लोगो को पहनना चाहिए चार मुखी रुद्राक्ष ?
जिनका जन्म नक्षत्र आश्लेषा, जेष्ठा या रेवती हो वह लोग निःसंकोच चारमुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है।
जिनका जन्म लग्न या जन्म राशि मिथुन एवं कन्या हो वह लोग भी चारमुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है।
जो लोग ज्ञान प्राप्त करना चाहते है वे लोग भी चारमुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है।
जिन लोगों को अपनी बहनो तथा बुआ की तरफ से कुछ परेशानी आ रही हो तो ऐसे लोग भी चारमुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है।
अंक शास्त्र के अनुसार जिनका मुलांग एवं भाग्यांक 5 हो तो उन लोगों को भी चारमुखी रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए। अपनी राशि के अनुसार कौन सा रुद्राक्ष धारण करना चाहिए यह जानने के लिए यहाँ क्लिक करे।
चारमुखी रुद्राक्ष की कीमत क्या है ?
सामान्यतः यह रुद्राक्ष आपको कम से कम 200/- और ज्यादा से ज्यादा 2500/- के अंदर आपके प्राप्त हो जायेगा। आप ऑनलाइन भी इसे मंगवा सकते है। साथ में रुद्राक्ष का सर्टिफिकेट भी जरूर ले। यह सर्टिफिकेट इस बात का प्रूफ है की आपने जो रुद्राक्ष मंगवाया है वह असली है।
चार मुखी रुद्राक्ष की पहचान क्या है ?
आप जब भी कोई रुद्राक्ष की खरीदी करे तो असली और नकली के बारे में अवश्य जान ले। यह आपको जानना बहुत जरुरी है। नहीं तो कोई भी आपको असली रुद्राक्ष के मूल्य में नकली रुद्राक्ष दे सकता है असली रुद्राक्ष की पहचान कैसे करे यह जानने के लिए यहाँ क्लिक करे।
क्या चार मुखी रुद्राक्ष को सोने, चाँदी या धागे में धारण कर सकते है ?
जी हाँ, आप चारमुखी रुद्राक्ष को लाल धागे या सफ़ेद धागे में सोमवार के दिन धारण कर सकते है। यदि आप समर्थ है तो आप अपने रुद्राक्ष को सोने या चांदी में भी धारण कर सकते है। रुद्राक्ष को ताम्बे में भी धारण किया जाता है।
रुदाक्ष यह भगवन शिवजी के द्वारा मनुष्यों को दिया हुआ ऐसा प्रसाद है। जिसे धारण करने से पाप मुक्ति के मार्ग का ज्ञान होता है। आप मन से मजबूत बनते है। आपके अंदर सहन शक्ति का विकास होता है आप समस्या का समाधान करने में सक्षम हो जाते है। हर इंसान को अपने कर्मो का फल यही भोगना है चाहे वो सुख हो या दुःख। यह अटल सत्य है। उन फलो को भोगने की शक्ति हमें रुद्राक्ष से ही प्राप्त होती है। ।। ॐ नमः शिवाय ।।
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