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विष्णुप्रिया, महालक्ष्मीजी का स्वरुप है सात मुखी रुद्राक्ष। सप्तसागर, सप्तऋषियों, सूर्य की सात रश्मियां एवं सप्ततलों की सभी शक्तिया सात मुखी रुद्राक्ष में समाहित होती है। सात मुखी रुद्राक्ष को धारण करने वाले जातक को अस्टमहालक्ष्मी का आशीर्वाद तो प्राप्त होता ही है। साथ में जीवन का सभी सुख और वैभव प्राप्त होता है। पद्म-पुराण में वर्णित कथा के अनुसार सात मुखी रुद्राक्ष के सातों मुखों में सात नाग देवता का निवास है। उन सात नाग देवताओं के नाम इस प्रकार है। अनंत, कर्कट, पुण्डरीक, तक्षक, विषोल्बण, कारोष, और शंखचूड़। सात मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के बाद जातक को नागदेव का आशीर्वाद तो प्राप्त होता ही है साथ में नागदेव के आराध्य देव भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। और उस जातक पर महादेव सदा प्रसन्ना रहते है।
सात मुखी रुद्राक्ष कैसे धारण करें ?
सात मुखी रुद्राक्ष को सिद्ध कैसे करे ? या सात मुखी रुद्राक्ष की प्राण प्रतिष्ठा कैसे करे ?
सात मुखी रुद्राक्ष का बीज मंत्र क्या है ?
सात मुखी रुद्राक्ष की पूजा कैसे की जाती है ?
सात मुखी रुद्राक्ष पहनने से क्या होता है ?
सात मुखी रुद्राक्ष के फायदे ?
किस दिन धारण करे सात मुखी रुद्राक्ष ?
किस राशि के लोगों को सात मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए ?
सात मुखी रुद्राक्ष किसे नहीं धारण करना चाहिए ?
क्या सात मुखी रुद्राक्ष पहनने के बाद कुछ सावधानिया भी बरतनी पड़ती है ?
सात मुखी रुद्राक्ष के औषधीय गुण ?
किस बीमारी में काम आता है सात मुखी रुद्राक्ष ?
सात मुखी रुद्राक्ष का पानी कैसे बनाये ?
किस काम में आता है सात मुखी रुद्राक्ष का पानी ?
किन लोगो को पहनना चाहिए सात मुखी रुद्राक्ष ?
सात मुखी रुद्राक्ष की कीमत क्या है ?
सात मुखी रुद्राक्ष की पहचान क्या है ?
क्या सात मुखी रुद्राक्ष को सोने, चाँदी या धागे में धारण कर सकते है ?
महिलाओं के पर्स में 7 मुखी रुद्राक्ष कैसे रखें?
क्या 7 मुखी रुद्राक्ष को पर्स में रख सकते है ?
क्या 7 मुखी रुद्राक्ष को घर में रख सकते है ?
क्या 7 मुखी रुद्राक्ष को तिजोरी में रख सकते है ?
7 मुखी रुद्राक्ष धारण करने के पश्चात् कितने दिन में सक्रीय होता है ?
सात मुखी रुद्राक्ष कैसे धारण करें ?
सात मुखी रुद्राक्ष को प्राण प्रतिष्ठित करने के पश्चात शिवलिंग को स्पर्श करवाकर, तथा इसके बीज मंत्र का 108 बार पाठ करें। एवं "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जप करते हुए हमें इसे धारण करना चाहिए। रुद्राक्ष धारण करने के पश्चात् कुछ नियम होते है कुछ सावधानिया होती है जिनका पालन करना अति आवश्यक होता है। अगर उनका पालन नहीं किया गया तो इसके नगारात्मक परिणाम देखने को मिलते है। रुद्राक्ष धारण करने के पश्चात क्या करे क्या ना करे इसके बारे में विस्तृत जानकरी के लिए यहाँ क्लिक करें।
सात मुखी रुद्राक्ष को सिद्ध कैसे करे ? या सात मुखी रुद्राक्ष की प्राण प्रतिष्ठा कैसे करे ?
सात मुखी रुद्राक्ष को जब तक प्राणप्रतिष्ठित या सिद्ध नहीं किया जाता, तब तक वह निष्क्रिय रहता है। अतः हम जब भी अपनी राशि अनुसार रुद्राक्ष धारण करते है तो सबसे पहले उसे प्राणप्रतिष्ठित या सिद्ध करना चाहिए। इससे हमें रुद्राक्ष धारण करने का पूर्ण फल प्राप्त होता है। और वह रुद्राक्ष अपना असर दिखता है। तथा हमें सकारात्मक विचारों से भर देता है। अपने रुद्राक्ष को सिद्ध कैसे करे ? इस विषय में विस्तृत जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें।
सात मुखी रुद्राक्ष का बीज मंत्र क्या है ?
शिव-महापुराण में वर्णित इस मंत्र से सात मुखी रुद्राक्ष को सिद्ध किया जाता है। "ॐ हूं नमः" इस मंत्र के द्वारा रुद्राक्ष को सिद्ध किया जाता है। सिद्ध करते समय आपको इस मंत्र का कम से कम 108 बार उच्चारण करना चाहिए।
सात मुखी रुद्राक्ष की पूजा कैसे की जाती है ?
सात मुखी रुद्राक्ष की दैनिक पूजा बहुत ही आसान है। सात मुखी रुद्राक्ष को सिद्ध करने के पश्चात् पूजा के समय रुद्राक्ष को साफ पानी से स्नान करवा कर शिवलिंग के पास रख दे। आप अपनी दैनिक पूजा समाप्त कर लें। एवं ॐ नमः शिवाय बोलते हुए आप उस रुद्राक्ष को धारण कर सकते है। रुद्राक्ष के बारे में और महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
सात मुखी रुद्राक्ष पहनने से क्या होता है ?
शनि ग्रह हैं, सात मुखी रुद्राक्ष के संचालक। शनि देव का अधिपत्य "आयु, मृत्यु, दरिद्रता, दुःख निर्धनता, अपमान, परिश्रम, नीरसता, थकावट, मंद गति, अहंकार, आत्म त्याग, दास्ता, कारावास, प्राकृत आपदाओं, निम्न स्तर के कार्य, अकाल और बुढ़ापा" आदि पर रहता है। इन सबसे यदि आप छुटकारा चाहते है तो आपको साथ मुखी रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए।
सात मुखी रुद्राक्ष के फायदे ?
आईये जानते है सात मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से क्या क्या फायदे मिलते है :-
अष्टलक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए भी सात मुखी रुद्राक्ष का उपयोग किया जाता है। यदि आपका हरदम नुकसान हो रहा हो और वह नुकसान रुकने का नाम नहीं ले रहा है तो ऐसे समय में भी आप सात मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है। यदि आपको ऐसा लगता है की जन्म से ही आपका शोषण हो रहा है और आप पीड़ित है तो आप सात मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है।
सात मुखी रुद्राक्ष पर शनि ग्रह का अधिकार है। इसलिए जो लोग शनि से सम्बंधित कार्य करते है। उन्हें सात मुखी रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए। इस रुद्राक्ष को धारण करने से माता लक्ष्मी के आशीर्वाद के साथ उनके कार्य में दिन दूनी और रात चौगुनी तरक्की मिलती है। शनि ग्रह से सम्बंधित कार्य भवन भूमि से सम्बंधित कार्य , बीमा, हॉस्पिटल, दवा वितरक (मेडिकल स्टोर), बिजली के उपकरण, कंप्यूटर पार्ट बनाने वाली कंपनी, फ़ोन बनाने वाली कंपनी, आयात निर्यात, ट्रांसपोर्ट, लॉजिस्टिक, दन्त चिकित्सक, इंजीनियर, आर्किटेक, भौतिक शास्त्री, प्रशासनिक अधिकारी, राज्यपाल और मंत्री पद पर कार्यरत लोग है। इन सभी के लिए सात मुखी रुद्राक्ष धारण करना बहुत शुभ होता है। इसके धारण करने से उन्हें बहुत लाभ मिलता है।
यहाँ पर मै एक बात और कहना चाहूंगा की जहाँ पर 7 (सात) मुखी रुद्राक्ष होता है। वहां पर माता लक्ष्मी स्वयं आकर स्थिर हो जाती है। क्यों की सात (7) मुखी रुद्राक्ष सप्त साँपों का प्रतिक होता है। और माता लक्ष्मी श्री हरी विष्णुजी के साथ सांप पर ही स्थिर बैठती है। और श्री हरी के चरण दबाती है। तो, यदि आपने अपने घर में 7 (सात) मुखी रुद्राक्ष ला लिया तो समझो माता लक्ष्मी आपके घर में आकर स्थिर होने वाली है। और आपके अच्छे दिन आने वाले है।
किस दिन धारण करे सात मुखी रुद्राक्ष ?
रुद्राक्ष को सदैव शुक्ल पक्ष के किसी भी सोमवार के दिन शिवलिंग का अभिषेक करने के पश्चात् ही धारण करना चाहिए। 7 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से जातक मानसिक तथा आध्यात्मिक रूप से मजबूत बनता है। इसके धारण करने के और भी शुभ दिन है इसके बारे में विस्तार से जानने के लिए यहाँ क्लिक करे।
किस राशि के लोगों को सात मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए ?
जिस जातक का जन्म लग्न या जन्म राशि मकर व कुम्भ हो वे लोग सात मुखी रुद्राक्ष बेहिचक धारण कर सकते है। जिस जातक का जन्म नक्षत्र पुष्य, अनुराधा या उत्तराभाद्रपद में हो वह लोग बिना किसी परामर्श के सात मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है। जिस जातक के ऊपर शनि की साढ़ेसाती या ढैया चल रही हो, वह लोग भी शनि के शांति के लिए सात मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है। अपनी राशि के अनुसार कौनसा रुद्राक्ष धारण करें ?
सात मुखी रुद्राक्ष किसे नहीं धारण करना चाहिए ?
मांस मदिरा का सेवन करने वाले और नशीली वस्तुओं का सेवन करने वाले व्यक्तियो को सात मुखी रुद्राक्ष धारण करना तथा स्पर्श करना सदा वर्जित है। शास्त्रों में कहा गया है की ऐसा व्यक्ति यदि सात मुखी रुद्राक्ष धारण करता है या स्पर्श करता है तो उसे इस रुद्राक्ष के नकारात्मक परिणामों का सामना करना पड़ सकता है। एवं वह व्यक्ति पाप का भागी बनता है। अतः इससे बेहतर यह है की ऐसा व्यक्ति रुद्राक्ष को स्पर्श करने से बचे। यदि आप विस्तार से जानना चाहते है की रुद्राक्ष धारण करने के पश्चात् क्या सावधानिया बरतनी चाहिए तो यहाँ क्लिक करें।
क्या सात मुखी रुद्राक्ष पहनने के बाद कुछ सावधानिया भी बरतनी पड़ती है ?
जी हाँ, यदि आप सात मुखी रुद्राक्ष धारण कर रहे है तो आपको कुछ सावधानिया अवश्य बरतनी चाहिए। अगर आपने उन सावधानियों पर ध्यान नहीं दिया तो आपको इसके नकारात्मक परिणाम भुगतने पड़ेंगे। रुद्राक्ष धारण करने के पश्चात् कौन-कौन सी सावधानिया बरतनी पड़ती है यह जानने के लिए यहाँ क्लिक करें।
सात मुखी रुद्राक्ष के औषधीय गुण ?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि ग्रह के कमजोर होने से शरीर बहुत निर्बल हो जाता है। जिसके चलते जातक को शरीर की नसों सम्बंधित रोग, रक्त विकार, उदर सम्बंधित रोग, हड्डी सम्बंधित रोग, वधिरता, मिर्गी, पक्षाघात, पैरों के रोग, नपुंसकता, स्नायु रोग और वायु रोग जातक के शरीर को परेशान करते है। जब ऐसे परिस्थिति का निर्माण हो जाये तो जातक को शिवजी के आशीर्वाद स्वरुप सात मुखी रुद्राक्ष को विधिवत प्राणप्रतिष्ठित करके धारण करना चाहिए। जिसके फलस्वरूप उपरोक्त रोगों में जातक को काफी राहत मिलती है।
किस बीमारी में काम आता है सात मुखी रुद्राक्ष ?
सात मुखी रुद्राक्ष शरीर की नसों सम्बंधित रोग, रक्त विकार, उदर सम्बंधित रोग, हड्डी सम्बंधित रोग, वधिरता, मिर्गी, पक्षाघात, पैरों के रोग, नपुंसकता, स्नायु रोग और वायु रोग आदि रोगों में बहुत काम आता है।इस रुद्राक्ष के इस्तेमाल से आप इन रोगो में बहुत लाभ पा सकते है। और इस रुद्राक्ष का जल तो मनो आप के लिए अमृततुल्य है।
सात मुखी रुद्राक्ष का पानी कैसे बनाये ?
सात मुखी रुद्राक्ष का पानी बनाना बहुत ही आसान है। सबसे पहले आप एक लोटे में साफ जल ले एवं उसके अंदर सात मुखी रुद्राक्ष धोकर डाल दें। और उस जल को ढँक कर रात भर के लिए छोड़ दे। सुबह आप उस जल में से वह रुद्राक्ष निकाल ले। रुद्राक्ष का पानी आपके इस्तेमाल के लिए तैयार है। आप उस पानी को अपने काम में ले सकते है। और अपने रोगों से छुटकारा पा सकते है।
किस काम में आता है सात मुखी रुद्राक्ष का पानी ?
वेद पुराणों के अनुसार रुद्राक्ष का पानी एक औषधि की तरह इस्तेमाल में लिया जाता है। रुद्राक्ष यह एक ऐसी लकड़ी है जो पानी में डूबती नहीं है। कारण है इसका घनत्व। इसका घनत्व आम लकड़ी से ज्यादा होता है। रुद्राक्ष का जल मनुष्यों के लिए अमृततुल्य होता है। रुद्राक्ष के जल से होने वाले फायदे के बारे में विस्तार से जानने के लिए यहाँ क्लिक करे। और अपने जीवन को निरोगी एवं सुखमय बनाये।
किन लोगो को पहनना चाहिए सात मुखी रुद्राक्ष ?
जन्म कुंडली में यदि शनि ग्रह ख़राब स्थिति में है जैसे अपनी नीच राशि मेष में हो, सूर्य के साथ किसी ख़राब भाव में बैठा हो, शत्रु राशि में विराजमान हो, शत्रु ग्रह के साथ हो, साढ़ेसाती या ढैया का योग बना रहा हो या फिर राहु केतु के साथ बैठ कर चांडाल योग का निर्माण कर रहा हो। तो ऐसी परिस्थिति में शनि के नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए सात मुखी रुद्राक्ष धारण किया जाता है।
सात मुखी रुद्राक्ष की कीमत क्या है ?
शिवजी के प्रसाद स्वरुप सात मुखी रुद्राक्ष अनमोल है। फिर भी जन साधारण मनुष्यों के लिए यह बाजार में लगभग 250/- से लेकर तो 2200/- तक की कीमत में उपलब्ध है। आप अपनी सुविधानुसार ऑनलाइन या ऑफलाइन इसे मंगवा सकते है। और अपने काम में ले सकते है। बस एक बात का ध्यान रहे के रुद्राक्ष असली होना चाहिए।
सात मुखी रुद्राक्ष की पहचान क्या है ?
सात मुखी रुद्राक्ष की मुख्य पहचान यह है की इस मनके में सात धारियाँ होती है। परन्तु आप इस रुद्राक्ष को सिर्फ धारियों से पहचानना चाहते है। तो यह आप की भूल है। नया रुद्राक्ष लेने से पहले समझदार व्यक्ति पहले उसके बारे में जानकारी एकत्रित करता है। चाहे वह जानकारी दोस्तों से मिले, इंटरनेट से मिले या कही और से मिले। मतलब सिर्फ इतना है की आपको सही चीज मिलना चाहिए। असली रुद्राक्ष की पहचान कैसे करें? एक बार इस पोस्ट को आप लोग जरूर पढ़ें। इससे आपको असली और नकली रुद्राक्ष पहचानने में बहुत मदत मिलेगी। और हाँ। यदि आपको इस पोस्ट को पढ़ कर फायदा हुआ तो यह जानकारी अपने तक ही सिमित मत रखना। आप इसे शेयर जरूर करना। असली रुद्राक्ष की पहचान।
क्या सात मुखी रुद्राक्ष को सोने, चाँदी या धागे में धारण कर सकते है ?
जी हाँ दोस्तों यदि आप समर्थ है तो सात मुखी रुद्राक्ष को सोने या चाँदी के तार में भी धारण कर सकते है। आप चाहे तो सात मुखी रुद्राक्ष का लाकेट भी पहन सकते है। और यदि आप साधारण परिवार से है तो आप सात मुखी रुद्राक्ष को लाल या सफ़ेद धागे में भी धारण कर सकते है। और मनचाही सफलता प्राप्त कर सकते है।
महिलाओं के पर्स में 7 मुखी रुद्राक्ष कैसे रखें?
महिलाओं को पर्स में सात मुखी रुद्राक्ष लाल कपडे में लपेट कर रखना चाहिए। इससे उनका पर्स कभी भी खाली नहीं होगा। आपके पैसों में सदा बरक्कत बनी रहेगी। एक बात विशेष ध्यान देने योग्य है की आपका पर्स चमड़े (लेदर) का नहीं होना चाहिए। नहीं तो आपको इसके नकारात्मक परिणाम दिखाई देंगे।
क्या 7 मुखी रुद्राक्ष को पर्स में रख सकते है ?
यदि आप पैसों की तंगी से जूझ रहे है, या आपकी वित्तीय हालत ठीक नहीं है, या आपके पास पैसे टिकते ही नहीं हो, या पैसों के कारण आप दिमागी रूप से हर समय परेशान रहते हो या धन से सम्बंधित कोई भी दिक्कत हो तो आप सात मुखी रुद्राक्ष को अपने पर्स में रख सकते है। एक बात का विशेष ध्यान रहे की आपका पर्स चमड़े का नहीं होना चाहिए। यदि आप एक महिला है तो आप सात मुखी रुद्राक्ष को अपने पर्स में रखें, या गले में धारण कर लें, या ब्रेसलेट बनाके हाथों में पहन लें। और यदि आप पुरुष है तो आप सात मुखी रुद्राक्ष को अपनी ऊपर वाली जेब में रख सकते है, गले में पहन सकते है, सात मुखी रुद्राक्ष का ब्रेसलेट बहुत सुन्दर बनता है आप इसका ब्रेसलेट भी बना कर पहन सकते है।
क्या 7 मुखी रुद्राक्ष को घर में रख सकते है ?
यदि आप रुद्राक्ष को धारण नहीं करना चाहते हो तो आप अपने घर के मंदिर में सात मुखी रुद्राक्ष को रख सकते है। और प्रति दिन इस सात मुखी रुद्राक्ष की पूजा तथा दर्शन करने के पश्चात् ही आप घर से बहार काम पे जाएँ आपको आपके कार्य में सफलता अवश्य मिलेगी।
क्या 7 मुखी रुद्राक्ष को तिजोरी में रख सकते है ?
सात मुखी रुद्राक्ष एक भिखारी को भी करोड़पति बना सकता है। आप बस सात मुखी रुद्राक्ष अपने घर की तिजोरी में प्राणप्रतिष्ठित एवं सिद्ध करने के पश्चात् लाल कपड़े में बांध कर रखें। फिर देखे सात मुखी रुद्राक्ष का चमत्कार। माता लक्ष्मी कैसे आप पर प्रसन्ना होती है। और आपकी मनोकामना पूरी करती है।
7 मुखी रुद्राक्ष धारण करने के पश्चात् कितने दिन में सक्रीय होता है ?
यदि आपने असली सात मुखी नेपाली रुद्राक्ष विधि पूर्वक प्राणप्रतिष्ठित एवं सिद्ध किया है। तथा उसे धारण किया है तो वह रुद्राक्ष केवल सात दिन में ही अपना असर दिखाना चालू कर देता है। अर्थात असली सात मुखी सिद्ध एवं प्राणप्रतिष्ठित रुद्राक्ष केवल सात दिन में ही अपना असर दिखाना शुरू कर देता है। हो सके तो सात मुखी रुद्राक्ष को लाल धागे में ही धारण करे। क्योंकि लाल रंग माता लक्ष्मी को बहुत पसंद है।
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