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दो मुखी रुद्राक्ष के आध्यात्मिक लाभ।
दो मुखी रुद्राक्ष राहु ग्रह के दुष्प्रभाव से हमें बचता है। वाक चातुर्य को बढ़ता है। हमारी वाणी को मजबूत करता है। हमारी वाणी में गजब की सम्मोहन शक्ति आती है, मतलब हमारे बातचीत से सामने वाला जल्दी ही प्रभावित हो जाता है। जिस घर में गर्भवती महिला हो उस घर के पूजा स्थान में सिद्ध किया हुआ, प्राणप्रतिष्ठित दो मुखी रुद्राक्ष अवश्य रखना चाहिए। और यदि वो महिला प्रतिदिन उस दो मुखी रुद्राक्ष की पूजा करे एवं उस रुद्राक्ष को अपने माथे से स्पर्श करवाए तो गर्भ में पल रहे शिशु को भगवान भोलेनाथ और माता पारवती (अर्धनारीश्वर भगवान) का आशीर्वाद प्राप्त होता है। और वह संतान तेजस्वी होती है।
दो मुखी रुद्राक्ष कैसे धारण करें ?
दो मुखी रुद्राक्ष को सिद्ध कैसे करे ? या दो मुखी रुद्राक्ष की प्राण प्रतिष्ठा कैसे करे ?
दो मुखी रुद्राक्ष का बीज मंत्र क्या है ?
दो मुखी रुद्राक्ष की पूजा कैसे की जाती है ?
दो मुखी रुद्राक्ष पहनने से क्या होता है ?
दो मुखी रुद्राक्ष के फायदे ?
किस दिन धारण करे दो मुखी रुद्राक्ष ?
किस राशि के लोगों को दो मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए ?
दो मुखी रुद्राक्ष किसे नहीं धारण करना चाहिए ?
क्या दो मुखी रुद्राक्ष पहनने के बाद कुछ सावधानिया भी बरतनी पड़ती है ?
दो मुखी रुद्राक्ष के औषधीय गुण ?
किस बीमारी में काम आता है दो मुखी रुद्राक्ष ?
दो मुखी रुद्राक्ष का पानी कैसे बनाये ?
किस काम में आता है दो मुखी रुद्राक्ष का पानी ?
किन लोगो को पहनना चाहिए दो मुखी रुद्राक्ष ?
दो मुखी रुद्राक्ष की कीमत क्या है ?
दो मुखी रुद्राक्ष की पहचान क्या है ?
क्या दो मुखी रुद्राक्ष को सोने, चाँदी या धागे में धारण कर सकते है ?
साथियों, आज हम दो मुखी रुद्राक्ष के बारे में बात करेंगे। दो मुखी रुद्राक्ष की क्या विशेषता है। और किस तरह के व्यक्तियों को दो मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। और भी बहुत से सवालों के जवाब आपको हम आपको देने वाले है। दोस्तों दो मुखी रुद्राक्ष को भगवान शिव और माता पार्वती का स्वरुप माना जाता है इसलिए इसे अर्धनारीश्वर रुद्राक्ष भी कहा जाता है।
एक पौराणिक कथा के अनुसार ब्रम्हाजी ने भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती को करीब आने का आशीर्वाद दे दिया था। उसी आशीर्वाद स्वरुप शिवजी और माता पार्वती इतने करीब आये की एक दूसरे में विलीन हो गये। उसी समय से उन्हें अर्धनारीश्वर भगवान की उपाधि प्राप्त हो गयी। और तब से सारे संसार में भगवान का वो रूप अर्धनारीश्वर भगवान के नाम से विख्यात हो गया। आज हम सभी लोग प्रभु के उस रूप को अर्धनारीश्वर के रूप में पूजते है। और अर्धनारीश्वर भगवान हमारी मनोकामना पूरी करते है।
दो मुखी रुद्राक्ष कैसे धारण करें ?
साथियों दो मुखी रुद्राक्ष को बड़े विधि विधान से धारण करना चाहिए। आप उसे गले में धारण कर सकते है। भुजाओ में बांध सकते है। आजकल तो रूद्रक्ष के ब्रेसलेट भी आने लगे है। वो भी आप धारण कर सकते है। या फिर आप सिद्ध किया हुआ प्राण प्रतिष्ठित रुद्राक्ष अपने घर के पूजा में भी रख सकते है। अपने कारोबार के स्थान में भी आप दो मुखी रुद्राक्ष रख सकते है। या अपने घर के लाकर में भी आप सिद्ध किया हुआ रुद्राक्ष रख सकते है। जब आप सिद्ध किया हुआ प्राणप्रतिष्ठित रुद्राक्ष धारण करते है तो अपने मन में शुद्धता का भाव अवश्य रखे। और साथ ही आप अर्धनारीश्वरी भगवान से यह प्रार्थना करे की हे प्रभु जिस उद्देश्य की पूर्ति हेतु मै यह रुद्राक्ष धारण कर रहा हु। उस उद्देश्य की पूर्ति में आप मेरी मदद करे तथा मेरे मार्ग दर्शक बने। और मेरे कार्य सिद्ध में मेरी मदद करे।
इसी भाव से आप दो मुखी रुद्राक्ष धारण करे। आपका उद्देश्य अवश्य पूर्ण होगा। इस रुद्राक्ष की सबसे बड़ी खासियत यह है की ये आप को निरंतर प्रेरित करता रहता है। आपको ये एहसास दिलाता है की आपको क्या करना है, दो मुखी रुद्राक्ष जो है वो बहुत ही चमत्कारी रुद्राक्ष है। अतः इसे धारण करते समय हमें कुछ बातों का ध्यान रखना पड़ता है। यह रुद्राक्ष कब धारण करना चाहिए। कहाँ धारण करना चाहिए। इसको धारण करने के बाद क्या सावधानिया बरतनी पड़ती है। और भी बहुत सी जानकारी आप इस लिंक पर क्लिक करके प्राप्त कर सकते है। (यहाँ क्लिक करे। )
दो मुखी रुद्राक्ष को सिद्ध कैसे करे ? या दो मुखी रुद्राक्ष की प्राण प्रतिष्ठा कैसे करे ?
जिस प्रकार हर मनुष्य के अंदर कुण्डलिनी शक्ति होती है। उसी प्रकार प्रत्येक रुद्राक्ष का दाना स्वयं सिद्ध होता है। हमें बस उस रुद्राक्ष को अभिमंत्रित कर के उसकी शक्तियों को जागृत करना पड़ता है। एक बार आपने अपने रुद्राक्ष को प्राणप्रतिष्ठित कर लिया तो उसके चमत्कारों को आप स्वयं महसूस कर सकते है। अपने रुद्राक्ष को सिद्ध करने के लिए या उसे प्राणप्रतिष्ठित करने के लिए या उसकी शक्तियों को जागृत करने के बारे में विस्तृत जानकारी इस लिंक में दी गयी है। अतः आप लिंक पर क्लिक कर के उस जानकारी का लाभ अवश्य उठाए।
दो मुखी रुद्राक्ष का बीज मंत्र क्या है ?
दो मुखी रुद्राक्ष का बीज मंत्र है " ॐ नमः " । दो मुखी रुद्राक्ष के देवता अर्धनारीश्वर भगवान है। इस रुद्राक्ष का ग्रह चन्द्रमा है। और इसकी कर्क राशि है। अर्थात यह दो मुखी रुद्राक्ष चन्द्रमा को मजबूत बनता है और कर्क राशि से सम्बंधित है। कर्क राशि के लोग इस रुद्राक्ष को धारण कर सकते है।
दो मुखी रुद्राक्ष की पूजा कैसे की जाती है ?
यदि आपने अपना रुद्राक्ष सिद्ध कर लिया है। तो इसकी प्रति दिन की पूजा बहुत ही आसान है। आप अपनी पूजा प्रति दिन जैसे करते है। वैसे ही करना है बस उस रुद्राक्ष को स्नान आदि करवाकर पूजा स्थान पर रख दें। तत्पश्चात अष्टगंध एवं पुष्प अर्पण कर दे। फिर धुप डीप दिखा कर अपनी इच्छा मन में बोले एवं भोले बाबा को प्रणाम करके वह रुद्राक्ष धारण कर ले।
दो मुखी रुद्राक्ष पहनने से क्या होता है ?
जब इस धरती पर रुद्राक्ष की उत्पत्ति हुई बहुत से रुद्राक्ष हुए। उसमे से जो 2 (दो) मुखी रुद्राक्ष जो है वो भगवान अर्धनारीश्वर का स्वरुप माना जाता है। यह रुद्राक्ष भगवान अर्धनारीश्वर का प्रतिनिधित्व करता है। यह रुद्राक्ष वैवाहिक जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। क्योकि तमाम लोगों के वैवाहिक जीवन से सम्बंधित जो बाधाए होती है, ये दो मुखी रुद्राक्ष उन सभी बाधाओं को दूर करता है। जैसे की किसी की तलाक की नौबत आ गयी हो, पति पत्नी अलग रह रहे हो, कोर्ट कचहरी के चक्कर लग रहे हो, मानसिक विकार उत्पन्न हो गया हो, शांति भांग हो गयी हो या मन अशांत हो तो ऐसी परिस्थिति में दो मुखी रुद्राक्ष बहुत लाभ दायक सिद्ध होता है। और आपको उस समय दोमुखी रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए।
दो मुखी रुद्राक्ष के फायदे ?
दो मुखी रुद्राक्ष का स्वामी चन्द्रमा है। यदि कुंडली में चन्द्रमा कमजोर हो तो ये दो मुखी रुद्राक्ष चन्द्रमा के नकारात्मक प्रभाव को ख़त्म कर देता है। और सकारात्मकता में वृद्धि करता है। व्यक्ति की एकाग्रता में वृद्धि करता है। और मानसिक विकृति को दूर करता है। मतलब मनोरोग को दो मुखी रुद्राक्ष हमारे जीवन से दूर करता है। दो मुखी रुद्राक्ष हमारे दुर्भाग्य को दूर करता है। हमारे भाग्य को उदय करने में मदद करता है। दो मुखी रुद्राक्ष प्रेम सम्बन्धो में वृद्धि करता है। परिवार के आपसी तालमेल को सुधरने में बहुत ही सहायक होता है। यदि व्यक्ति किसी उद्देश्य से दो मुखी रुद्राक्ष धारण करता है तो यह उस उद्देश्य को भी पूर्ण करता है। हमारे लक्ष्यों के निर्धारण में ये हमारी सहायता करता है। आतंरिक सुख और धन प्राप्ति में दो मुखी रुद्राक्ष विशेष भूमिका निभाता है।
किस दिन धारण करे दो मुखी रुद्राक्ष ?
दो मुखी रुद्राक्ष साक्षात् शिव और माता पारवती का स्वरुप होता है। इसको धारण करने के लिए कुछ खास दिन होते है। अगर उन शुभ मुहूर्त में इसे धारण करे तो इसके चमत्कारिक लाभ मिलते है। चलिए जानते है।
१) दो मुखी रुद्राक्ष को धारण करने का सबसे बढ़िया दिन है महाशिवरात्रि। महाशिवरात्रि के दिन इसे धारण करना उत्तम होता है।
२) आप श्रवणमास में किसी भी दिन दो मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है। यह पावन महीना शिवजी को अति प्रिय है।
३) आप किसी भी शुभ मुहूर्त पर दो मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है। जैसे अक्षय तृतीया, गुरुपुष्य नक्षत्र, रविपुष्य नक्षत्र, आदि।
४) आप शुक्ल पक्ष के किसी भी सोमवार को दो मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है।
५) हर महीने में जो मासिक शिवरात्रि आती है। आप उस शिवरात्रि को भी दो मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है।
६) फिर भी आपके मन में यदि शंका हो तो आप किसी भी विद्वान पंडित से शुभ मुहूर्त निकलवाकर दो मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है।
उपरोक्त जो मुहूर्त बताये गए है। उन मुहूर्त पर आप कोई भी रुद्राक्ष सिद्ध कर के धारण कर सकते है। ये सभी मुहूर्त सर्व श्रेष्ठ एवं उत्तम है।
किस राशि के लोगों को दो मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए ?
यदि कर्क राशि के लोग दो मुखी रुद्राक्ष धारण करें तो वह उनके लिए अति शुभ होगा। इससे वे लोग अपने जीवन में बहुत ऊंचाइयों तक पहुँचते है।
दो मुखी रुद्राक्ष किसे नहीं धारण करना चाहिए ?
जो व्यक्ति मांस मदिरा का सेवन करता है, या झूठ बोलता है ऐसे लोगों को रुद्राक्ष नहीं धारण करना चाहिए। यदि वह व्यक्ति फिर भी रुद्राक्ष धारण करता है तो उसे हर कार्य में हानि ही होती है। उसे हर समय नकारात्मक परिणाम ही मिलते है।
क्या दो मुखी रुद्राक्ष पहनने के बाद कुछ सावधानिया भी बरतनी पड़ती है ?
जी हाँ, रुद्राक्ष धारण करने के पहले हमें कुछ सावधानिया बरतनी पड़ती है। लिंक पर क्लीक कर के सारी जानकारी ध्यान से पढ़े। (Click Here)
दो मुखी रुद्राक्ष के औषधीय गुण ?
दो मुखी रुद्राक्ष पित्त दोष को ख़त्म करता है। अनिद्रा जैसी गंभीर समस्या को भी ये दूर करता है। याददाश बढ़ने में सहायक होता है ह्रदय से सम्बन्धी समस्याओं को भी ये दो मुखी रुद्राक्ष दूर करता है। बीपी, शुगर जैसी गंभीर बिमारियों में भी ये ब्लड सर्कुलेशन को यह दो मुखी रुद्राक्ष नियंत्रित करता है।
किस बीमारी में काम आता है दो मुखी रुद्राक्ष ?
रुद्राक्ष बिमारियों में भी बहुत काम आता है। आईये आपको बताते है की रुद्राक्ष किस बीमारी में काम आता है।
हाई ब्लड प्रेशर या लो ब्लड प्रेशर में रुद्राक्ष बहुत काम आता है।
डाइबिटीज में रुद्राक्ष काम आता है।
इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत करता है।
त्वचा में चमक आती है।
सिरदर्द तथा और भी बिमारियों में रुद्राक्ष बहुत काम आता है।
दो मुखी रुद्राक्ष का पानी कैसे बनाये ?
साथियों दो मुखी रुद्राक्ष का पानी बनाना बहुत ही आसान है। रात को सोते समय एक गिलास पानी में रुद्राक्ष को डाल दीजिये। और प्रातः काल उठकर उस पानी से रुद्राक्ष निकाल लीजिये। बस रुद्राक्ष का पानी तैयार है। आप इसे अपने काम में ले सकते है। और उससे होने वाले फायदों का लाभ ले सकते है।
किस काम में आता है दो मुखी रुद्राक्ष का पानी ?
दोस्तों रुद्राक्ष का जल बहुत ही चमत्कारी होता है। इससे बहुत ही फायदे होते है। यह जल हमारे शरीर के लिए अमृत होता है और हमें कई बिमारियों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है। रुद्राक्ष के जल से होने वाले आश्चर्यजनक लाभ के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए क्लिक करें। (Click Here)
किन लोगो को पहनना चाहिए दो मुखी रुद्राक्ष ?
जो लोग कर्ज से परेशान है वो लोग दो मुखी रुद्राक्ष धारण करे। शिवजी की कृपा अवश्य प्राप्त होगी। जो लोग कोर्ट कचहरी के चक्कर लगा कर थक गए है। वे लोग भी दो मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है। इससे उन्हें सकारात्मक परिणाम मिलेंगे।
दो मुखी रुद्राक्ष की कीमत क्या है ?
शिव के प्रसाद स्वरुप दो मुखी रुद्राक्ष अनमोल है। फिर भी जन साधारण मनुष्यों के लिए यह बाजार में लगभग 300 से लेकर तो 20000 तक की कीमत में उपलब्ध है। आप अपनी सुविधानुसार ऑनलाइन या ऑफलाइन इसे मंगवा सकते है। और अपने काम में ले सकते है। बस एक बात का ध्यान रहे के रुद्राक्ष असली होना चाहिए।
दो मुखी रुद्राक्ष की पहचान क्या है ?
आज के ज़माने में लोग पैसे कमाने के लिए कुछ भी कर सकते है। अतः आप जब रुद्राक्ष की पहचान करे तो सबसे पहले उसे पानी में डाल के देख ले। यदि वह डूब जाता है तो असली है। इसमें भी कुछ अपवाद है। जैसे सीसम की लकड़ी से बने रुद्राक्ष भी पानी में डूब जाते है।
जिस तरह हर आदमी के फिंगर प्रिंट अलग अलग होते है, उसी प्रकार रुद्राक्ष के जो उभार होते है वह भी कभी भी सामान नहीं होते। लेकिन यदि नकली रुद्राक्ष है तो उसके उभार समान होंगे।
एक कटोरी पानी गरम करे उसमे रुद्राक्ष को डाल कर पांच मिनट के लिए रख दे यदि उस रुद्राक्ष को चिपका कर बनाया गया है तो वह अलग हो जायेगा। क्योकि लोग गौरी शंकर रुद्राक्ष या सवार रुद्राक्ष को चिपका कर बनाते है और बाजार में धड़ल्ले से बेच रहे है।
रुद्राक्ष को सरसो के तेल में डालने के बाद यदि वह अपना रंग नहीं छोड़ता है तो वह असली रुद्राक्ष है। वरना नकली है।
इस तरह आप अपने रुद्राक्ष की पहचान कर सकते है।
क्या दो मुखी रुद्राक्ष को सोने, चाँदी या धागे में धारण कर सकते है ?
जी हाँ दोस्तों यदि आप समर्थ है तो दो मुखी रुद्राक्ष को सोने या चाँदी के तार में भी धारण कर सकते है। आप चाहे तो दो मुखी रुद्राक्ष का लाकेट भी पहन सकते है। और यदि आप साधारण परिवार से है तो आप दो मुखी रुद्राक्ष को लाल या सफ़ेद धागे में भी धारण कर सकते है।
यदि आपके मन में दो मुखी रुद्राक्ष से सम्बंधित कोई सवाल हो तो आप कमेंट में पूछ सकते है। मुझे आपके सवालों का इंतजार रहेगा। और हाँ दोस्तों इस पोस्ट को पढ़ कर आपने तो दोमुखी रुद्राक्ष से सम्बंधित जानकारी प्राप्त कर ली। अब बारी की आपके दोस्तों और रिश्तेदारों की। उन्हें भी यह पोस्ट फॉरवर्ड करे। और पुण्य का लाभ ले। बहुत जल्द ही एक नए विषय के साथ मै आपसे फिर से मिलूंगा।
धन्यवाद् !
यह जानकारी आप (only4us.in) के माध्यम से पढ़ रहे है।
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