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पिछले भाग में हमने देखा की रुद्राक्ष के बीज मंत्र क्या होते है। और हर रुद्राक्ष के बीज मंत्र अलग-अलग क्यों होते है। रुद्राक्ष के बीज मंत्र किस प्रकार एक दवाई का काम करते है। तथा एक से लेकर इक्कीस मुखी रुद्राक्ष के बीज मन्त्रों के बारे में हमने जाना। अब हम जानेंगे की
क्या हमें रुद्राक्ष के बीज मंत्र का उच्चारण करना चाहिए ?
हमें रुद्राक्ष के बीज मंत्र का उच्चारण कब करना चाहिए ?
रुद्राक्ष को अभिमंत्रित करने के बाद भी बीज मंत्र का उच्चारण क्यों करना चाहिए ?
रुद्राक्ष का बीज मंत्र कितनी बार बोलना चाहिए ?
सभी रुद्राक्षों का बीज मंत्र अलग-अलग क्यों होता है ?
अगर आपने गलत बीज मंत्र का उच्चारण कर दिया तो क्या होगा ?
मैंने रुद्राक्ष का कॉम्बिनेशन पहना हुआ है तो क्या मुझे हर रुद्राक्ष का अलग-अलग बीज मंत्र बोलना पड़ेगा ?
क्या हमें रुद्राक्ष के बीज मंत्र का उच्चारण करना चाहिए ?
यदि आपने रुद्राक्ष धारण किया हुआ है तो आपको बीज मंत्र का उच्चारण करना चाहिए। यदि आप इनका उच्चारण नहीं करते है तो कोई भी रुद्राक्ष आप पर अपना पूरा प्रभाव नहीं दिखा पाता है। रुद्राक्ष का पूर्ण असर प्राप्त करने के लिए बीज मंत्र का प्रति दिन उच्चारण करना अति आवश्यक होता है भले ही आप 11 बार ही बोले। लेकिन बोले जरूर।
हमें रुद्राक्ष के बीज मंत्र का उच्चारण कब करना चाहिए ?
वैसे तो रुद्राक्ष का बीज मंत्र जब करने का सही समय है, जब हम अपनी रोज की पूजा समाप्त करके रुद्राक्ष को धारण करते है उसी समय रुद्राक्ष को हाथ में लेकर माथे से लगा कर शिवजी का ध्यान करते हुए और शिवलिंग को स्पर्श करवाकर आपको रुद्राक्ष का बीज मंत्र बोलना चाहिए।
बस आपको इतना ध्यान रखना है की आपने जितने मुखी रुद्राक्ष धारण किया हुआ है केवल उस रुद्राक्ष का ही बीज मंत्र आपको बोलना है। ऐसा नहीं की किसी और रुद्राक्ष का बीज मन्त्र किसी और रुद्राक्ष पर बोलना। यह गलत है इससे कोई फायदा नहीं होता। बस इतना सा ध्यान रखें।
रुद्राक्ष को अभिमंत्रित करने के बाद भी बीज मंत्र का उच्चारण क्यों करना चाहिए ?
जी हाँ, रुद्राक्ष का अभिमंत्रित करने के बाद भी आपको बीज मन्त्रों का उच्चारण करना चाहिए। इससे रुद्राक्षको ऊर्जा प्राप्त होती है। जिस प्रकार मोबिल की बैटरी ख़त्म होने के बाद उसे प्रति दिन चार्ज करना पड़ता है उसी प्रकार प्रति दिन रुद्राक्ष के बीज मंत्र का पाठ करने से वह सक्रिय रहता है।
रुद्राक्ष का बीज मंत्र कितनी बार बोलना चाहिए ?
ये बड़ा बढ़िया सवाल है। क्योंकि ये सवाल किसी के भी मन में सबसे पहले आता है की कितनी बार उच्चारण करें। आपको कम से कम 11, 21, या 51 बार और अधिक से अधिक 108 बोलना चाहिए। आप इन दोनों में से कोई भी संख्या ले सकते है। एक बात समझ ले। जितना ज्यादा आप इस बीज मंत्र का उच्चारण करेंगे उतना ज्यादा आपको लाभ मिलने वाला है। लेकिन कभी कभी समय के आभाव में आप कम संख्या भी ले सकते है। यह आप के ऊपर है की आपके पास समय कितना है।
सभी रुद्राक्षों का बीज मंत्र अलग-अलग क्यों होता है ?
जिस प्रकार हर मनुष्य एक जैसे नहीं होते। सभी में कुछ न कुछ भिन्नताएं होती है। सभी के कार्य अलग-अलग होते है। जैसे कोई डॉक्टर होता है कोई ऑफिसर होता है कोई वर्कर होता है। और सबके काम भी अलग होते है। जैसे अफसर डॉक्टर का काम नहीं कर सकता, वर्कर अफसर का काम नहीं कर सकता। क्योंकि सबके काम अलग होते है।
उसी प्रकार सभी रुद्राक्ष अलग-अलग होते है। एक मुखी रुद्राक्ष के कार्य अलग होते है, दो मुखी रुद्राक्ष के कार्य अलग होते है तीन मुखी रुद्राक्ष के कार्य अलग होते है, दस मुखी रुद्राक्ष के कार्य अलग होते है चौदह मुखी रुद्राक्ष के कार्य अलग होते है। इस लिए हर रुद्राक्ष का अपना एक अलग बीज मंत्र होता है।
अगर आपने गलत बीज मंत्र का उच्चारण कर दिया तो क्या होगा ?
अक्सर लोग पूछते है की हमें तो उच्चारण करना ही नहीं आता तो हम कैसे बीज मंत्र बोले। तो आपको बता दें। रुद्राक्ष के बीज मंत्र बहुत सी छोटे होते है पर उनका काम बहुत बड़ा होता है। आपको सिर्फ 10 मिनट अभ्यास करना है बस। और आपको अपने रुद्राक्ष का बीज मंत्र याद हो जायेगा। बस आपको इतना याद रखना है की उच्चारण सही हो। यदि फिर भी आपसे बोलने में गलती हो जाये तो भोले बाबा से हाथ जोड़ कर क्षमा मांग लीजिये। बोले बाबा बहुत भोले है। वो आपकी गलतियों को नहीं अपितु आपके कार्य को देखते है। आपकी लगन को देखते है। और यह देखते है की आपने जिस कार्य के लिए उनका रुद्राक्ष धारण किया हुआ है। उस कार्य को आप कितनी लगन से कर रहे हो।
मैंने रुद्राक्ष का कॉम्बिनेशन पहना हुआ है तो क्या मुझे हर रुद्राक्ष का अलग-अलग बीज मंत्र बोलना पड़ेगा ?
जिस जातक (व्यक्ति) ने रुद्राक्ष को संयोजित करके पहना हुआ है ऐसे हर व्यक्ति के मन में ये सवाल जरूर आएगा। उनके लिए हम यह कहेंगे की यदि आपके पास समय हो तो आप हर रुद्राक्ष का बीज मंत्र बोल सकते है। यदि समय नहीं हो तो भोलेनाथ के पंचाक्षरी मंत्र का उच्चारण करे। वह मंत्र है !! ॐ नमः शिवाय !!
जो लोग रुद्राक्ष का कॉम्बिनेशन धारण करते है उनके लिए शिवजी का ये पंचाक्षरी मंत्र बहुत लाभकारी सिद्ध होता है। और रुद्राक्ष के कॉम्बिनेशन धारण करने वाले व्यक्ति के पास वैसे भी समय का अभाव होता है तो वह शिव-शम्भू के इस पंचाक्षरी मंत्र का उच्चारण कर सकता है।
रुद्राक्ष कितने प्रकार के होते है ?
वैसे तो रुद्राक्ष 27 प्रकार के होते है। परन्तु कुछ लोगों को केवल एक से चौदह मुखी तक के रुद्राक्ष के बारे में ही पता होता है। कुछ लोग एक से इक्कीस मुखी तक जानते है। यदि आप भी 27 प्रकार के रुद्राक्षों के बारे में जानना चाहते है और दर्शन करना चाहते है तो एक बार जरूर लिंक पर विजिट करे। (Click Hare)
बीज मंत्र तो सभी रुद्राक्ष के होते है। लेकिन जो दुर्लभ रुद्राक्ष होते है। जो बहुत कम मात्रा में वृक्ष से निकलते है। यदि आपको सौभाग्य से वह रुद्राक्ष प्राप्त हो जाये तो उस समय आप केवल शिवजी के पंचाक्षरी मंत्र का उपयोग कर सकते है। यह पंचाक्षरी मंत्र हर जगह काम करता है। और यह इतना प्रभावशाली है की इसके अंदर पूरा ब्रम्हांड समाया हुआ है।
रुद्राक्ष से सम्बंधित और भी बहुत सी जानकारी ले कर मै फिर से आपके सामने हाजिर होऊंगा। तब तक ले लिए आपसे इजाजत चाहूंगा। और हाँ आप इस जानकारी को अपने तक सिमित मत रखना। शेयर जरूर करना। अपने व्हाट्सअप, फेसबुक, इंस्टाग्राम या और किसी माँध्यम से।
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