सेकेंडरी मार्केट स्टॉक मार्केट का एक भाग होता है जहाँ पहले से बाजार में उपलब्ध होने वाले स्टॉक या शेयर ट्रेड होते हैं। इसमें नए स्टॉक नहीं होते हैं, बल्कि इसमें पहले से मौजूद स्टॉक ट्रेड होते हैं जो एक कंपनी द्वारा जारी किए गए होते हैं और पहले प्राथमिक बाजार में उपलब्ध थे।
एक कंपनी ABC ने पहली बार अपने शेयरों को प्राथमिक बाजार में लिस्ट किया है और लोगों ने इसके शेयर खरीदे हैं। इसके बाद, इस कंपनी ने एक और शेयर जारी किया है जो पहले से बाजार में उपलब्ध थे। इस नए शेयर को सेकेंडरी मार्केट में खरीद-बिक्री के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। इस तरह, जो लोग पहले से ABC कंपनी के शेयर खरीदे हुए थे वे उन्हें सेकेंडरी मार्केट में बेच सकते हैं और नए लोग इस सेकेंडरी मार्केट से शेयर खरीद सकते हैं।
सेकेंडरी मार्केट उन लोगों के बीच ट्रेडिंग के लिए एक मंच प्रदान करता है जो शेयर खरीद और बेच सकते हैं और यह एक निर्दिष्ट मूल्य पर होता है जो बाजार की मांग और आपूर्ति के आधार पर निर्धारित होता है। इस तरह, सेकेंडरी मार्केट के जरिए शेयर खरीदना और बेचना बहुत सरल हो जाता है।
सेकेंडरी मार्केट के माध्यम से, निवेशकों को पहले से मौजूदा शेयरों के लिए बाजार में निवेश करने का मौका मिलता है। इसके अलावा, यह उन कंपनियों को भी लाभ प्रदान करता है जो अपने शेयरों को प्राथमिक बाजार में जारी करते हैं। वे सेकेंडरी मार्केट के माध्यम से अधिक निवेशकों के द्वारा उनके शेयरों को खरीदने का मौका प्राप्त करते हैं जो उन्हें और अधिक पूंजी उपलब्ध कराता है।
इस तरह सेकेंडरी मार्केट एक महत्वपूर्ण वित्तीय बाजार है जो निवेशकों को मौजूदा शेयरों के लिए बेचने और खरीदने का मौका प्रदान करता है।
आम लोगों के लिए भी सेकेंडरी मार्केट एक स्रोत होता है जो उन्हें निवेश करने और बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था से फायदा उठाने का मौका प्रदान करता है। लोग आमतौर पर शेयर बाजार के माध्यम से निवेश करते हैं जब उन्हें अपनी धन व्यवस्था को मजबूत करने या अधिक धन कमाने की जरूरत होती है।
Example
एक व्यक्ति के पास 500 शेयर एक कंपनी के होते हैं जो उसने प्राथमिक बाजार में खरीदे थे। यदि उसे अधिक धन की जरूरत होती है तो वह उन शेयरों को सेकेंडरी मार्केट में बेच सकता है। उसे प्रत्येक शेयर के लिए निर्धारित मूल्य प्राप्त होगा और उसे अपने शेयरों के मूल्य से अधिक मूल्य मिल सकता है। दूसरी ओर, एक निवेशक जो नई कंपनियों में निवेश करना चाहता है, वह सेकेंडरी मार्केट में उपलब्ध शेयरों को खरीद सकता है जो उसे उपलब्ध प्राथमिक बाजार में नहीं होते हैं।
सेकेंडरी मार्केट में शेयर खरीदने और बेचने के लिए, निवेशकों को ब्रोकर के माध्यम से ट्रेडिंग अकाउंट खोलना पड़ता है जो उन्हें विभिन्न बाजारों में शेयर खरीदने और बेचने की अनुमति देता है। उन्हें शेयरों के लिए निर्धारित मूल्य अदा करना होता है जो शेयर की वर्तमान मूल्य से अलग होता है।
सेकेंडरी मार्केट की स्थिति बाजार के आर्थिक स्थिति, कंपनी के नतीजों और अन्य कई तत्वों पर निर्भर करती है। यदि कंपनी के नतीजे अच्छे होते हैं और आर्थिक स्थिति सुधरती है तो शेयर की कीमत बढ़ती है जो सेकेंडरी मार्केट में भी प्रभावित होती है। उम्मीद है कि यह समझाने में मददगार साबित होगा कि सेकेंडरी मार्केट क्या होता है और इसका महत्व क्या है।
सेकेंडरी मार्केट में व्यापक रूप से संभावनाएं होती हैं जिनमें निवेशकों को शेयर खरीदने और बेचने के लिए विभिन्न विकल्प उपलब्ध होते हैं। इसमें शामिल हैं एक्सचेंज ट्रेड फंड (ETF), म्यूचुअल फंड, बोंड, विभिन्न वित्तीय उपकरण और अन्य विकल्प।
Example
एक निवेशक एक कंपनी के शेयर खरीदने का निर्णय लेता है। उसने शेयर खरीदने का फैसला लिया तो उसे ब्रोकर के माध्यम से उस कंपनी के शेयर खरीदने के लिए ट्रेडिंग अकाउंट खोलना होगा। उसे शेयर की मूल्य अदा करना होगा जो उस समय की वर्तमान मूल्य से अलग होगा। उसके बाद, उसके खरीदे गए शेयर एक सेकेंडरी मार्केट में व्यापक रूप से व्यापकता के साथ खरीदे और बेचे जा सकते हैं। इस प्रक्रिया के माध्यम से, निवेशकों को सेकेंडरी मार्केट में निवेश करने का अवसर मिलता है जो उन्हें अधिक लाभ कमाने की संभावनाएं प्रदान करता है।
Example
एक निवेशक एक म्यूचुअल फंड में निवेश करने का निर्णय लेता है। उसके पास नहीं होता है कि वह सीधे कंपनी के शेयर खरीदे, लेकिन इसके बजाय वह उस म्यूचुअल फंड के इकट्ठे हुए धन का हिस्सेदार बन जाता है। यह म्यूचुअल फंड सेकेंडरी मार्केट में बिक्री के लिए उपलब्ध होता है और निवेशक उसे बेचकर अपना निवेश निकाल सकता है।
इस प्रकार, सेकेंडरी मार्केट निवेशकों के लिए अन्य संभावनाओं को उपलब्ध कराता है जो प्राथमिक मार्केट से अलग होते हैं। इसमें लोगों को अन्य संस्थानों से निवेश करने या उनके निवेशों में भाग लेने का भी अवसर मिलता है।
सेकेंडरी मार्केट निवेशकों के लिए और भी एक फायदा है - वे लोगों की मदद से लोन प्राप्त कर सकते हैं। अगर कोई निवेशक अपने स्टॉक मार्केट के निवेशों पर लोन लेना चाहता है, तो उसे सेकेंडरी मार्केट के स्टॉकों को गिरवी में देने का विकल्प होता है। बैंक या अन्य वित्तीय संस्था उनके स्टॉक खाते की गिरवी के आधार पर लोन देती हैं।
सेकेंडरी मार्केट एक बहुत बड़ा और अहम वित्तीय बाजार है जो सीधे और अप्रत्यक्ष तरीकों से व्यापक वित्तीय उत्पादों को उपलब्ध कराता है। इसे विश्व भर में स्थापित बाजारों में से एक माना जाता है, जिसमें न्यूयोर्क स्टॉक एक्सचेंज, टोक्यो स्टॉक एक्सचेंज, लंदन स्टॉक एक्सचेंज आदि शामिल हैं।
सेकेंडरी मार्केट आम लोगों के लिए भी बड़ा फायदा प्रदान करता है। जब लोग किसी कंपनी के शेयर्स को खरीदते हैं, तो वे उस कंपनी के धारक बनते हैं और उन्हें उस कंपनी के लाभ से भागीदारी मिलती है। इसके अलावा, वे अपने शेयर्स को सेकेंडरी मार्केट में बेचकर भी निपटा सकते हैं। इस तरह से, सेकेंडरी मार्केट निवेशकों को अधिक लिक्विड बाजार प्रदान करता है।
Example
एक कंपनी ने IPO के माध्यम से स्टॉक मार्केट में अपने शेयर्स बेचे। इसके बाद, लोग इस कंपनी के शेयर्स को खरीदने लगते हैं और इन शेयरों की कीमत ऊपर या नीचे जाने लगती है। इसके बाद, यदि किसी निवेशक को लगता है कि वह इस कंपनी के शेयर्स से पैसे कमा नहीं पा रहा है, तो वह उन्हें सेकेंडरी मार्केट में बेच सकता है। इस तरह से, उसने अपने निवेश को रिस्क से बचाया और उसके पास अब और अधिक पैसे हैं जिन्हें वह फिर से निवेश कर सकता है
यदि किसी अन्य निवेशक को लगता है कि वह उसी कंपनी के शेयर्स में निवेश करना चाहता है, तो वह सेकेंडरी मार्केट में शेयर्स खरीद सकता है। इस तरह से, निवेशकों के बीच शेयरों की खरीद-बिक्री के लिए एक संभव बाजार प्रदान किया जाता है जो निवेशकों को अपने पूंजी का उपयोग करने और इसे बढ़ाने की अनुमति देता है।
सेकेंडरी मार्केट भी एक कंपनी के शेयरों के लिए प्राइस डिस्कवरी का एक माध्यम होता है। शेयरों की मूल्यांकन पहले से ही IPO के समय निर्धारित होती है, लेकिन जब शेयरों का ट्रेडिंग सेकेंडरी मार्केट में शुरू होता है, तो उनकी कीमत बाजार के मूवमेंट के अनुसार बदल जाती है। इसलिए, सेकेंडरी मार्केट में शेयरों की मूल्यांकन कंपनी की वर्तमान चुनौतियों और लाभों को दर्शाता है।
इस तरह से, सेकेंडरी मार्केट स्टॉक मार्केट के लिए एक अहम माध्यम होता है जो निवेशकों को अपने पूंजी के साथ खेलने की सुविधा देता है
सेकेंडरी मार्केट विभिन्न निवेशकों को स्थानिक और अंतरराष्ट्रीय बाजारों से जोड़ता है। निवेशकों को शेयरों की लिक्विडिटी का भी फायदा मिलता है, क्योंकि उन्हें किसी भी समय अपने शेयरों को बेचने या खरीदने की स्वतंत्रता मिलती है। इसके अलावा, सेकेंडरी मार्केट निवेशकों को एक बड़े विकल्प की पेशकश करता है जहां वे अपने पूंजी को विभिन्न शेयरों में निवेश कर सकते हैं।
Example
अगर कोई निवेशक नई दिल्ली में स्थित एक निजी बैंक के शेयरों में निवेश करना चाहता है, तो उसे सबसे पहले यह सुनिश्चित करना होगा कि बैंक IPO के माध्यम से शेयरों को प्राप्त करने के लिए उपलब्ध है या नहीं। यदि शेयरों के लिए एक IPO होता है, तो निवेशक IPO में शेयरों को खरीद सकता है। अगर निवेशक शेयरों को IPO में खरीदने से पहले या IPO के बाद कुछ समय बाद अपने शेयरों को बेचना चाहता है, तो वह उन्हें सेकेंडरी मार्केट में बेच सकता है।
सीकेंडरी मार्केट में, निवेशक शेयरों की खरीद या बिक्री के लिए दूसरे निवेशकों को ढूँढते हुए, एक दलाल के माध्यम से अपने शेयरों को बेचते हैं या खरीदते हैं। दलाल शेयरों को बेचते या खरीदते हुए अपनी कमीशन कमाते हैं। इस तरह के लेन-देन के लिए सेकेंडरी मार्केट में निवेशकों को एक निश्चित मूल्य देना होता है जो शेयर की मूल्य और बाजार मूल्य दोनों पर निर्भर करता है।
Example
एक कंपनी ने IPO के माध्यम से शेयरों को लिस्टिंग के लिए जमा करवाया है। उसके बाद, निवेशक उस कंपनी के शेयरों को सेकेंडरी मार्केट में बेच सकते हैं जब वे अपने पूंजी को वापस चाहते हैं। यदि उस कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन अच्छा होता है और वह निवेशकों के अपेक्षाओं को पूरा करती है, तो शेयरों का मूल्य बढ़ सकता है। उस मामले में, निवेशक अपने शेयरों को बेचकर लाभ उठा सकते हैं।
इस प्रकार, सेकेंडरी मार्केट निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय विश्लेषण और मार्केट रिसर्च के माध्यम से उन्हें अधिक जानकारी और विश्वसनीयता प्राप्त होती है ताकि वे सेकेंडरी मार्केट में अच्छे निवेश फैसले ले सकें। इसलिए, सेकेंडरी मार्केट निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण विकल्प होता है।
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